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Bengal Chunav: हुगली से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा- बंगाल को अब दीदी नहीं दादा चाहिए

लॉकेट का कहना है कि बंगाल में इस बार कमल खिलेगा। बंगाल के लोगों ने पिछले 10 वर्षों में ममता बनर्जी को देख लिया है। जिन महिलाओं ने उन्हें दो बार मुख्यमंत्री बनाया आज महिलाएं ही सुरक्षित नहीं हैं। इसीलिए अब बंगाल को दीदी नहीं बल्कि दादा यानी मोदी चाहिए।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 03:11 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 03:12 PM (IST)
Bengal Chunav: हुगली से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा- बंगाल को अब दीदी नहीं दादा चाहिए
अभिनय जगत से राजनीति में कदम रखने वाली हुगली से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी

अभिनय जगत से राजनीति में कदम रखने वाली हुगली से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ममता सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार जीतकर सांसद चुनी गईं लॉकेट को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में भी उनके संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत चुंचुड़ा सीट से मैदान में उतारा है। यहां चौथे चरण में मतदान हुआ है और लॉकेट की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। जीत की उम्मीदों से लबरेज लॉकेट का कहना है कि चुंचुड़ा सहित पूरे बंगाल में इस बार कमल खिलेगा। उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों ने पिछले 10 वर्षों में ममता बनर्जी को देख लिया है। जिन महिलाओं ने उन्हें दो- दो बार मुख्यमंत्री बनाया, आज महिलाएं ही सुरक्षित नहीं हैं। इसीलिए अब बंगाल को दीदी नहीं बल्कि दादा यानी मोदी चाहिए।

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बंगाल के चुनावी हालात पर लॉकेट चटर्जी ने दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता राजीव कुमार झा के साथ खुलकर बातचीत की।

प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश :-

2019 में लोकसभा के बाद अब आप 2021 में विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, दोनों में क्या फर्क महसूस कर रही हैं?

 दोनों में समान रूप से मेहनत की। अधिक से अधिक लोगों से मिलीं। चूंकि जहां से मुझे विधानसभा का टिकट दिया गया है वह मेरा संसदीय क्षेत्र ही है इसीलिए कोई परेशानी नहीं हुई। अपनी जीत को लेकर मैं 110 फीसद आशान्वित हूं।

भाजपा नेताओं को बार-बार बाहरी कहा जा रहा है, इस पर क्या कहेंगी?

 मैं पूछना चाहती हूं ममता दीदी जो सरकार चला रही हैं उसमें मुख्य सचिव हों, गृह सचिव हों, डीजीपी हों या अन्य अधिकारी ये लोग कहां के हैं? क्या ये लोग भी बाहरी हैं। ये सब सिर्फ लोगों को भड़काने व विभेद पैदा करने की कोशिश है।

आप लोग कहते हैं सोनार बांग्ला बनाएंगे, ममता कहती हैं महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध भाजपा शासित राज्यों में ही होता है?

ऐसा है तो ममता बनर्जी क्यों एनसीआरबी को सभी डेटा नहीं भेजती हैं। दुष्कर्म सहित महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और तस्करी में बंगाल सबसे आगे है। लेकिन यहां मामले को दबा दिया जाता है, डेटा तक नहीं भेजा जाता। उन्हें पहले अपने राज्य को देखना चाहिए। बंगाल की महिलाओं ने 2011 और 2016 में उन्हें सीएम बनाया क्योंकि वे परिवर्तन चाहती थी। उन्हें लगा कि उनके लिए सबसे अच्छा होगा अगर कोई महिला मुख्यमंत्री होती। लेकिन यहां महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशान ममता बनर्जी के ही राज में किया गया है। महिलाएं इसका जवाब उन्हें ईवीएम के जरिए दे रही हैं।

आप फिल्म जगत से राजनीति में आई, इस बार भाजपा व तृणमूल दोनों ही दलों ने बहुत सारे फिल्मी सितारों को टिकट दिया है, इस पर क्या कहेंगी?

मैं सात साल पहले फिल्म में थी। अब मैं पूरी तरह राजनीतिक व सामाजिक जीवन में हूं। अब अच्छा लग रहा है। दोनों में बहुत अंतर है। वहां की जिंदगी एक फिल्मी पर्दे की तरह है और यहां एक असल जिंदगी (रियल लाइफ) है, जहां लोगों के साथ रहना पड़ता है।

तीसरे व चौथे चरण के मतदान में बहुत हिंसा व मारपीट हुई, इसे कैसे देखती हैं?

तृणमूल हमेशा लोगों को डरा- धमका कर जीतती रही है। लेकिन लोग जब भी बाहर निकले हैं तृणमूल हारी है। 2019 का चुनाव इसका उदाहरण है। अब 2021 में तृणमूल के हाथ से सत्ता जा रही है इसलिए वह बौखला गई है।

भाजपा की जीत के प्रति कितनी आश्वस्त हैं?

100 फीसद आशान्वित हूं। बंगाल की जनता इस बार दीदी नहीं दादा यानी मोदी व भाजपा चाहती हैं। 200 से ज्यादा सीटें भाजपा जीतेगी और सरकार बनाएगी।

सारधा व रोजवैली घोटाले को लेकर ममता ने आप व बाबुल सुप्रियो पर भी आरोप लगाया है, इस पर क्या कहेंगी?

देखिए, 2019 के चुनाव में भी ममता बनर्जी ने यह मुद्दा उठाया था। लेकिन मेरे खिलाफ अगर सुबूत हैं तो वह कोर्ट क्यों नहीं जाती हैं। तृणमूल के सभी नेता इसमें फंसे हैं इसीलिए वह ऐसा कह रही हैं। 


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