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Bengal Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल से हाथ मिलाने को वाममोर्चा तैयार

वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने खुद इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भाजपा विरोधी आंदोलन में वे किसी से भी हाथ मिलाने को तैयार हैं। बंगाल में वाममोर्चा-तृणमूल की प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 03:20 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 03:20 PM (IST)
Bengal Politics: 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल से हाथ मिलाने को वाममोर्चा तैयार
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल से हाथ मिलाने को वाममोर्चा तैयार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए वाममोर्चा तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार है। वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने खुद इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भाजपा विरोधी आंदोलन में वे किसी से भी हाथ मिलाने को तैयार हैं।

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गौरतलब है कि बंगाल में वाममोर्चा-तृणमूल की प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। वाममोर्चा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर तृणमूल के खिलाफ पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था। वाममोर्चा और कांग्रेस, दोनों को ही विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी। बंगाल फतह करने के बाद मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की निगाहें अब 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। इस बाबत वह भाजपा विरोधी दलों को लामबंद करने में जुट गई हैं।

सियासी विश्लेषकों का कहना है कि ममता भली-भांति जानती हैं कि कांग्रेस को साथ लिए बिना भाजपा विरोधी मोर्चे को मजबूत नहीं किया जा सकता इसलिए तृणमूल ने कांग्रेस के साथ नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी है। दिल्ली दौरे ममता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी।

दूसरी तरफ कांग्रेस का भी तृणमूल के प्रति रुख नरम हुआ है। सियासी विश्लेषकों ने आगे कहा कि वाममोर्चा अगर तृणमूल से हाथ मिलाती है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वाममोर्चा अभी जिस स्थिति में है, उसमें उसके पास इसके अलावा और कोई चारा भी नहीं है। बंगाल की राजनीति में वह हाशिए पर आ गई है। कांग्रेस अगर अगले लोकसभा चुनाव के लिए तृणमूल के साथ गठबंधन करती है तो वाममोर्चा अकेला हो जाएगी और एकल तौर पर लोकसभा चुनाव लड़कर बंगाल में सीटें जीतना फिलहाल उसके बस की बात नहीं है।

अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए इंटरनेट मीडिया को लेकर कई नियम लाने जा रही माकपा

हालिया संपन्न बंगाल विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन व सूबे में दिन-ब-दिन कमजोर होती सियासी पकड़ को देखते हुए माकपा अब पार्टी में कई तरह के बदलाव लाने जा रही है। खासकर इंटरनेट मीडिया पर माकपा का खास ध्यान है। कोरोना काल में अपने प्रचार-प्रसार के लिए माकपा का इंटरनेट मीडिया पर खास ध्यान है लेकिन इसके साथ।ही वह इंटरनेट मीडिया के जरिए पैदा होने वाले विवादों से भी बचना चाहती है।

इस बाबत वह पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए इंटरनेट मीडिया को लेकर कई नियम लाने जा रही है।माकपा नेता अब इंटरनेट मीडिया पर अब ऐसी कोई बयानबाजी नहीं कर पाएंगे, जो पार्टी की विचारधारा से मेल नहीं खाती हो। वे अपना फैन पेज भी नहीं खोल पाएंगे। आगामी 6 से 8 अगस्त को होने वाली माकपा की केंद्रीय कमेटी की बैठक में इन प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा। 


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