West Bengal Assembly Election 2021: पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा- हिंसा और भ्रष्टाचार के चलते पिछड़ता चला गया बंगाल
रोजगार सृजन और उद्योगों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना भाजपा की होगी प्राथमिकता ज्ञान के केंद्र के रूप में बंगाल के संसाधन का उपयोग करना भी होगी प्राथमिकता त्रिवेदी ने कहा कि राजमार्गो रेलवे बंदरगाह और हवाई अड्डों के विकास से रोजगार का सृजन होगा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा है कि बंगाल में काफी संख्या में कुशल श्रमिक, प्रशिक्षित इंजीनियर एवं पेशेवर लोगों की मौजूदगी होने के बावजूद राज्य हिंसा एवं भ्रष्टाचार की संस्कृति के चलते पिछड़ रहा है। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए त्रिवेदी ने कहा कि रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचा तैयार करना और उद्योग लगाने के लिए ज्ञान के केंद्र के रूप में बंगाल के संसाधन का उपयोग करना राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर उसकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।
त्रिवेदी ने कहा कि भगवा पार्टी रोजगार सृजन और उद्योगों को आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश की उम्मीद करती है। उन्होंने कहा कि राजमार्गो, रेलवे, बंदरगाह और हवाई अड्डों के विकास से रोजगार का सृजन होगा। एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, बंगाल ज्ञान का एक केंद्र है, फिर भी हम राज्य में उद्योग लगाने और रोजगार सृजन करने में इसका उपयोग करने में नाकाम रहे हैं। राज्य प्रति वर्ष जितनी संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को प्रशिक्षित करता है, उसके मद्देनजर यहां एक समानांतर सिलिकॉन वैली बनाने की गुंजाइश है।
उन्होंने कहा कि बंगाल के इंजीनियरिंग कॉलेजों से पाठ्यक्रम पूरा कर निकलने वाले छात्रों का देश में अन्य स्थानों पर स्थित आई टी केंद्रों में और विदेश जाना जारी है। त्रिवेदी ने कहा, बंगाल कई अन्य राज्यों से काफी पहले एक औद्योगीकृत राज्य बना था, लेकिन हिंसा, भ्रष्टाचार और वसूली के चक्र के चलते बाद के समय में यह पिछड़ता चला गया।
औद्योगिक उत्पादन में बंगाल की हिस्सेदारी घट कर 3.5 फीसद हो गई
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा के चुनाव घोषणापत्र (संकल्प पत्र) में भी कहा गया है कि भारत के औद्योगिक उत्पादन में बंगाल की हिस्सेदारी 30 फीसद से घट कर 3.5 फीसद रह गई है। त्रिवेदी ने कहा , जब ममता बनर्जी वाममोर्चे को सत्ता से बेदखल कर शासन में आई थी, हमने बदलाव की बात की थी। लेकिन सिर्फ बंगाल में शासन करने वाली पार्टी बदली, शासन शैली नहीं बदली। उन्होंने दावा किया कि डांस बार और शराब की दुकानों की संख्या बढ़ी, लेकिन उद्योग नहीं बढ़ें।