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लॉकडाउन में जूट श्रमिकों को मजदूरी नहीं देने पर श्रम विभाग ने इज्मा को किया तलब

पश्चिम बंगाल के श्रम विभाग ने लॉकडाउन अवधि के दौरान श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान नहीं करने पर जूट मिलों के संगठन इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (इज्मा) को 2 जुलाई को तलब किया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 10:54 PM (IST)
लॉकडाउन में जूट श्रमिकों को मजदूरी नहीं देने पर श्रम विभाग ने इज्मा को किया तलब
लॉकडाउन में जूट श्रमिकों को मजदूरी नहीं देने पर श्रम विभाग ने इज्मा को किया तलब

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के श्रम विभाग ने लॉकडाउन अवधि के दौरान श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान नहीं करने पर जूट मिलों के संगठन इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (इज्मा) को 2 जुलाई को तलब किया है। 29 जून को विभाग के एक पत्र ने इज्मा को जूट क्षेत्र में वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने के लिए बैठक में भाग लेने के लिए कहा। राज्य सरकार लॉकडाउन अवधि में वेतन का भुगतान नहीं करने को लेकर मिल मालिकों के विचारों को सुनना चाहती है। बताते चलें कि राज्य में 1 जून से जूट मिलों को 100 प्रतिशत कार्यबल के साथ फिर से खोलने की अनुमति दी गई। हालांकि जूट उद्योग आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आता है, लेकिन राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान जूट मिलों को अपने परिचालन को जारी रखने की अनुमति नहीं दी थी।

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जूट उद्योग के सूत्रों ने कहा कि बैठक कलकत्ता उच्च न्यायालय की फटकार के बाद बुलाई गई है, जिसने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि उद्योग के साथ एक सार्थक बातचीत की जाए ताकि श्रमिकों को उनकी क्षमता के अनुसार मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। ट्रेड यूनियनों ने केंद्र की अधिसूचना का हवाला देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उद्योग को लॉकडाउन अवधि के लिए मजदूरी का भुगतान करने का अनुरोध किया गया था।

वेतन मुद्दे पर लगभग 21 जूट मिल यूनियनें एक साथ शामिल हो गई हैं और लॉकडाउन अवधि में उनके 2.5 लाख श्रमिकों को उचित मजदूरी का भुगतान नहीं करने पर हड़ताल पर जाने से भी इंकार नहीं किया है। गौरतलब है कि राज्य और केंद्र दोनों ने सभी उद्योगों से आग्रह किया था कि वे लॉकडाउन अवधि के लिए मजदूरी में कटौती न करें, लेकिन इज्मा  ने कहा कि मीलें इस अवधि के लिए श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं।


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