कौशल विकास में बेरोजगार युवकों की मदद करने की पहल
-खुद के स्टार्ट-अप उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से कृषि विकास शिल्प केंद्र ने शुरू किया राष्ट्रीय
-खुद के स्टार्ट-अप उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से कृषि विकास शिल्प केंद्र ने शुरू किया राष्ट्रीय वेबसाइट राज्य ब्यूरो, कोलकाता : भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला उद्योग कृषि विकास केंद्र की ओर से देश के बेरोजगार युवकों की मदद के लिए कोलकाता में मंत्रालय की राष्ट्रीय वेबसाइट को शुरू किया गया। वेबसाइट शुरू करने के पीछे वजह यह है कि इसके जरिए देश में बेरोजगार युवाओं को मदद पहुंचाई जाय साथ ही (वेतनभोगी व्यक्तियों को विकल्प के रूप में उपयुक्त कौशल विकास कार्यक्त्रमों के साथ खुद के स्टार्टअप स्थापित करने को लेकर भविष्य के लिए उनमें आत्मविश्वास बढ़ाया जाय। इतना ही नहीं वे लोग जो खुद का स्टार्ट-अप शुरू करना चाहते हैं उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से सबसे 2 फीसद ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही भारत सरकार उनके लिए 25 फीसद अनुदान देने के साथ गारंटर भी बनेगी। इस राष्ट्रीय वेबसाइट के लांच के अवसर पर कृषि विकास शिल्प केंद्र से जुड़े विभिन्न लोगों ने अपने अपने विचार रखे। बताया गया कि कैसे यह नई राष्ट्रीय वेबसाइट बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास के लिए खुद को सही ढंग से तैयार करने में मदद करेगी, और इसके बाद अपने स्वयं के सूक्ष्म, लघु और मध्यम औद्योगिक उद्यमों की स्थापना की जाएगी। इस अवसर पर डॉ. प्रोसेनजीत बोस, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, सयाबिता बोस, वाइस चेयरमैन, प्रियब्रत प्रमाणिक, मुख्य सलाहकार (राष्ट्रीय स्तर) और प्रोफेसर रविकात, पश्चिम बंगाल के मुख्य सलाहकार, प्रोफ़ेसर प्रबीर कुमार दे, कौशल और उद्यमिता निदेशक (कलकत्ता विश्वविद्यालय से भी जुड़े हैं), और डॉ.अमित चौधरी, पूर्व-एसोसिएट निदेशक, सीडीएसी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने अपना अपना विचार प्रकट किया। इस अवसर पर स्वामी बिश्वाथामानंद जी महाराज, सचिव, भरत सेवाश्रम संघ उपस्थित थे। इस अवसर पर कृषि विकास शिल्प केंद्र की ओर से 100 प्रधानममंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने की भी घोषणा की गई जबकि देशभर के विभिन्न हिस्सों में 6000 ऐसे केंद्र पहले से ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा सस्ती कीमतों पर कुछ हद तक गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद करने की भी बात कही गई। उक्त 6000 प्रधानममंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के बैनर तले और भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करते हैं। इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में बीपीपीआई के प्रमुख अशीष कुमार चक्रवर्ती भी शामिल थे।