india lockdown day 3 कोलकाता के 1.5 लाख आवारा कुत्ते भोजन को तरसे, आफत में फंसी जान
जानलेवा कोरोना वायरस के कारण इंसान ही नहीं जानवरों की जान पर भी आफत आ गई है। इनमें कोलकाता के 1.5 लाख से अधिक आवारा कुत्ते भी शामिल हैं।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। जानलेवा कोरोना वायरस के कारण इंसान ही नहीं, जानवरों की जान पर भी आफत आ गई है। इनमें कोलकाता के 1.5 लाख से अधिक आवारा कुत्ते भी शामिल हैं। लॉकडाउन के कारण लोगों के घरों से नहीं निकलने से उन्हें भोजन की भारी किल्लत हो गई है। बीमार कुत्तों के इलाज में भी समस्या आ रही है। उन्हें पशु चिकित्सक के पास अथवा जानवरों के अस्पताल ले जाने वाला कोई नहीं है।
भोजन न मुहैया करा पाने के कारण महानगर के कई डॉग शेल्टर से काफी संख्या में कुत्तों को छोड़ दिया गया है, जिससे सड़कों पर उनकी तादाद और बढ़ गई है। जानवरों के कल्याण की दिशा में काम करने वाली संस्था पीटा इंडिया के एक अधिकारी ने बताया-' कहीं कोई भी बीमार कुत्ता देखने पर हमें सूचित करें। हमारे लोग वहां जाकर उसका बचाव करेंगे।
कोलकाता में आवारा कुत्तों के कल्याण की दिशा में काम करने वाली संस्था 'समर्पण' के चेयरमैन प्रसेनजीत बर ने बताया-'हमने आवारा कुत्तों को भोजन कराने के लिए एक फंड तैयार किया है। इस फंड से हम रोजाना 30 कुत्तों को खाना खिला रहे हैं और उनके इलाज की भी व्यवस्था की जा रही है।' एक अन्य संस्था गरिया निरामय फाउंडेशन के सचिव बिजोन मजुमदार ने कहा-'इंसानों की तरह ही आवारा कुत्तों के लिए भी ये बहुत कठिन समय है।
हम सोशल मीडिया के जरिए लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि वे अपने मोहल्ले के आवारा कुत्तों का भी ध्यान रखें। भोजन थोड़ी ज्यादा मात्रा में पकाएं ताकि इन बेजुबानों का भी पेट भर सके। कुत्ता सामाजिक प्राणी है। वह हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा है, इसलिए संकट के इस दौर में उनका ध्यान रखना हम इंसानों का ही कर्तव्य है।'मजुमदार ने आगे कहा-'सोशल मीडिया पर प्रचार के साथ ही हम अपने सदस्यों के माध्यम से पर्चियां बांटकर भी इस बाबत जागरूकता फैला रहे हैं।कोलकाता में कुछ जगहों पर हमने दीवार लेखन के जरिए भी यह संदेश देने की कोशिश की है।
कुत्तों में भोजन के लिए बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा : पशु चिकित्सक
पशु चिकित्सक डॉक्टर शशांक त्रिपाठी ने बताया-'हालात अगर ऐसे ही बने रहे तो भोजन नहीं मिलने पर कुत्तों में आपसी प्रतिस्पर्धा की भावना काफी बढ़ जाएगी। उन्हें जहां भी थोड़ा सा भी भोजन दिखेगा, वे उसपर टूट पड़ेंगे, हालांकि भोजन के लिए उनके इंसानों पर हमला करने की आशंका कम है, क्योंकि आम तौर पर कुत्तों की प्रवृत्ति ऐसी होती है कि भोजन नहीं मिलने पर वे एक जगह पड़े-पड़े दम तोड़ देते हैं। जो लोग नियमित रूप से कुत्तों को भोजन कराते हैं, कुत्ते हर रोज उसी समय उनकी बाट जोहते है। उन लोगों के नहीं आने से उनमें बेचैनी बढ़ सकती है।
डॉक्टर त्रिपाठी ने इस आशंका से भी इंकार किया कि मौजूदा स्थिति में कुत्तों के पागल होने की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सिर्फ रैबीज होने पर ही कुत्ते पागल होते हैं। उन्होंने कहा कि बीमार कुत्तों के इलाज में भी परेशानी होगी क्योंकि लोगों के अपने घरों में बंद होने के कारण कुत्तों को जानवरों के अस्पताल ले जाने वाला कोई नहीं होगा। कोलकाता नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक कोलकाता में 1.5 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। कोलकाता के 144 वार्डों में से प्रत्येक में इनकी संख्या करीब 1040 है।