केएमसी चुनाव में हिंसा को लेकर भाजपा और माकपा के बाद अब कांग्रेस उम्मीदवार भी पहुंचा हाई कोर्ट
हाल में संपन्न कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने मतदान के बाद उन पर कथित हमले और पुलिस सुरक्षा के लिए बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से विशेष अनुमति याचिका दायर करने का अनुरोध किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः हाल में संपन्न कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने मतदान के बाद उन पर कथित हमले और पुलिस सुरक्षा के लिए बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से विशेष अनुमति याचिका दायर करने का अनुरोध किया। कोलकाता नगर निगम के 19 दिसंबर को चुनाव के लिए वार्ड नंबर 16 से कांग्रेस प्रत्याशी, रबि साहा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने सड़क पर नंगा कर पीटा और उसका वीडियो बनाया, जिसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया गया।
न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने उन्हें इस संबंध में एक याचिका दायर करने की अनुमति दी। साहा के वकील ने कहा कि याचिका दायर करने के बाद मामले में गुरुवार को अदालत सुनवाई कर सकती है। साहा के वकील ने दावा किया कि पुलिस ने प्रकरण के बाद आवश्यक कार्रवाई नहीं की। साथ ही कहा कि वह अदालत से पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने और साहा को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध करेंगे। चुनावों के लिए मतगणना मंगलवार को हुई थी, जिसमें सत्तारूढ़ टीएमसी ने 134 सीटों पर कब्जा कर 144 सदस्यीय केएमसी पर नियंत्रण हासिल कर लिया था, और जीत की हैट्रिक लगाई।
बताते चलें कि इससे पहले भाजपा और माकपा की ओर से भी केएमसी चुनाव में धांधली, हिंसा और गड़बड़ी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर गुरुवार को सुनवाई होनी है।
केएमसी चुनाव में मृत वोटरों ने किया मतदान,हाई कोर्ट में याचिका
केएमची चुनाव धांधली व हिंसा को लेकर हाई कोर्ट में एक के बाद एक मुकदमे दायर हो रहे हैं। वार्ड संख्या 36 और 126 की माकपा उम्मीदवार क्रमशः मौसमी घोष और विमान गुहा ठाकुरदा ने कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ में एक जनहित याचिका दायर की है। जनहित याचिका मेंं आरोप लगाया गया है कि उनके वार्ड में बहुत से ऐसे लोगों ने मतदान किया है, जिनकी मृत्यु पहले ही हो चुकी है। हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर लिया है और इस पर सुनवाई छह जनवरी को होगी। याचिका में पारदर्शी मतदाता सूची भी प्रकाशित करने की मांग की गई है। साथ ही पुलिस निष्क्रियता का आरोप भी लगाया गया है।