बंगाल में सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, हाइ कोर्ट ने दिया तीन माह में DA भुगतान का निर्देश
DA News West Bengalकलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सरकारी कर्मचारियों की बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए तीन माह में उनके बकाया डीए का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि डीए सरकारी कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में सरकारी कर्मियों को बकाया महंगाई भत्ता (डीए) के मामले में शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली। अदालत ने राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए सरकारी कर्मचारियों को तीन महीने में उनका बकाया डीए का भुगतान करने का राज्य को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सैट) के जुलाई, 2019 के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि डीए सरकारी कर्मियों का एक मौलिक व कानूनी अधिकार है। इससे उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अगले तीन महीने के भीतर बकाया डीए क्लियर करना होगा। जुलाई, 2009 से ही बकाया डीए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने राज्य सरकार के इस तर्क को खारिज कर दिया कि उसके कोष में पैसा नहीं है। खंडपीठ ने साफ कहा कि कर्मियों को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने इसके साथ ही कहा कि केंद्र सरकार के कर्मिचारियों को जिस दर पर डीए का भुगतान किया जाता है, राज्य के कर्मियों को भी उसी दर पर डीए का भुगतान करना पड़ेगा। बता दें कि केंद्र के कर्मियों को जहां सातवां वेतनमान का लाभ मिल रहा है, वहीं बंगाल में अभी भी छठा वेतनमान ही लागू है। बकाया डीए के मुद्दे पर 2016 में मामला हुआ था। सैट ने राज्य सरकार के कर्मिचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए केंद्रीय कर्मचारियों की दर पर ही उन्हें डीए देने का राज्य को आदेश दिया था। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील की थी। इससे पहले भी हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से कहा था कि मुद्रास्फीति से जुड़ा महंगाई भत्ता कर्मचारियों के लिए कानूनी अधिकार है और यह प्रशासन के विवेक पर निर्भर नहीं करता है। अब एक बार फिर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को झटका दिया है। इस फैसले से राज्य के करीब 10 लाख कर्मियों को लाभ मिलेगा। जानकारी के मुताबिक, सरकारी कर्मियों का राज्य सरकार के पास डीए मद में लगभग 23 हजार करोड़ रुपये बकाया है।
अदालत के फैसले का कर्मचारी संघ समेत विपक्षी दलों ने किया स्वागत
इधर, डीए पर अदालत के फैसले का राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन सहित सभी विपक्षी दलों ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि लोगों को उनका अधिकार देना ही होगा। दूसरी ओर, राज्य सरकार अब इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है।