Kolkata Durga puja 2021: सतर्कता- बंगाल में कोरोना प्रोटोकाल की उड़ रही धज्जियां, केस बढ़ने की आशंका
Kolkata Durga puja 2021 -पंडालों में उमड़ रही हजारों की भीड़ दुर्गा पूजा में लोग भूले कोरोना की गाइडलाइंस जिस प्रकार लोगों की भीड़ बढ़ रही है उसको देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड के मामलों में एक नए उछाल के बारे में चेतावनी दी है
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Kolkata Durga puja 2021: समूचा बंगाल इस समय दुर्गोत्सव के रंग में रंग गया है। चतुर्थी के दिन से ही कोलकाता के साथ जिलों में दुर्गा पूजा पंडाल देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सोमवार को महाषष्ठी को तो कोलकाता की सड़कों पर जनसमुद्र उमड़ पड़ा। वहीं, तीसरी लहर की आशंका के बीच लोगों की चहल-पहल बढ़ने और पंडालों में उमड़ रही हजारों हजार की भीड़ से कोरोना प्रोटोकाल टूटने लगा है। राज्य सरकार की अपील के बावजूद पूजा घूमने वाले अधिकतर लोग नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना मास्क के घूम रहे हैं और शारीरिक दूरी तो दूर की बात हो गई है।
वहीं, महा अष्टमी और नवमी की पूजा से पहले ही जिस प्रकार लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है, वह इस बात का संकेत है कि इस वर्ष भीड़-भाड़ वाली पूजा होने जा रही है, जो राज्य सरकार, पूजा आयोजकों और चिकित्सा विशेषज्ञों की भी रातों की नींद हराम कर दी है। उत्तर और दक्षिण कोलकाता के कुछ हिस्सों में सोमवार दोपहर से पंडाल और उसके आसपास काफी संख्या में लोग देखे गए और देर रात तक भीड़ उमड़ती रही।
इधर, जिस प्रकार लोगों की भीड़ बढ़ रही है उसको देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड के मामलों में एक नए उछाल के बारे में चेतावनी दी है, अगर लोग शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते हैं और बिना मास्क के भीड़ में शामिल होते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, गरियाहाट में सिंघी पार्क और एकडालिया एवरग्रीन के कुछ हिस्सों में दोपहर करीब दो बजे से ही युवाओं की भीड़ उमड़ने लगी। इधर, बढ़ती भीड़ के कारण पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कालीघाट में बादामतला अशर संघ के आयोजकों में से एक ने कहा, इस तृतीया पर जो भीड़ हमने तृतीया 2020 पर देखी थी, उससे कहीं अधिक है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित
इधर, भीड़ को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं, क्योंकि 2020 में अत्यधिक प्रतिबंधित भीड़ थी और राज्य सरकार कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रण में रखने में सफल रही थी। लेकिन इस साल कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद लोगों का असीम प्रवाह निश्चित रूप से राज्य के स्वास्थ्य विभाग पर उंगली उठाएगा।विभाग ने पहले ही एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से आग्रह किया है कि कोविड की तीसरी लहर और संक्रमण फैलने की संभावना को ध्यान में रखते हुए इस साल जितना संभव हो सके सभाओं और जुलूसों से बचें।स्वास्थ्य विभाग ने यह भी सुझाव दिया कि मौज-मस्ती करने वालों को बड़ी भीड़ में जाने के बजाय उत्सव को अपने परिवारों तक ही सीमित रखना चाहिए।हेल्थ एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि दशमी पर एक लोकप्रिय अनुष्ठान सिंदूर खेला, जिसमें महिलाएं एक-दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाती हैं, को भी इस साल शरीर के संपर्क से बचते हुए मामलों के एक नए विस्फोट की संभावना को देखते हुए टाला जाना चाहिए।
भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने की सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने आगे कहा कि लोगों और बच्चों, बुजुर्गों या बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों, खासकर रेस्तरां, पंडालों और बाजार स्थलों से बचना चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है कि त्योहार के दौरान बुखार या सर्दी के लक्षण वालों को बाहर निकलने से बचना चाहिए और खुद को घर से अलग कर लेना चाहिए।स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोलकाता में फिर से कोविड का ग्राफ बढ़ने लगा है और लोगों को सावधान रहना चाहिए।
कोविड के मामलों में हो रही वृद्धि
एक वरिष्ठ जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, जो राज्य सरकार की कोविड विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी हैं, ने कहा, कोविड मामलों में धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि हो रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि यह महत्वहीन हो गया है। यह एक नई लहर पैदा कर सकता है जो विनाशकारी होगी।उन्होंने कहा, पुलिस या प्रशासन सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते। लोगों को