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जानें कौन हैं फिरहाद हकीम, जिन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुना है कोलकाता का नया मेयर

कोलकाता के नए मेयर चुने गए 62 वर्षीय फिरहाद हकीम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के सबसे प्रमुख अल्पसंख्यक नेताओं में से एक हैं। वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी सबसे भरोसेमंद नेता माने जाते हैं। वे वार्ड संख्या 82 से चुनाव जीते हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 05:13 PM (IST)
जानें कौन हैं फिरहाद हकीम, जिन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुना है कोलकाता का नया मेयर
कोलकाता के नए मेयर चुने गए 62 वर्षीय फिरहाद हकीम

कोलकाता, राज्‍य ब्‍यूरो। कोलकाता के नए मेयर चुने गए 62 वर्षीय फिरहाद हकीम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के सबसे प्रमुख अल्पसंख्यक नेताओं में से एक हैं। वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी सबसे भरोसेमंद नेता माने जाते हैं। वे वार्ड संख्या 82 से चुनाव जीते हैं। विधानसभा में वे कोलकाता पोर्ट सीट से प्रतिनिधित्व करते हैं और पिछले कई बार से इस अल्पसंख्यक बहुल सीट से लगातार जीतते आ रहे हैं। 2011 में ममता बनर्जी के बंगाल की सत्ता में पहली बार आने के बाद से ही वे लगातार मंत्री पद की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

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इस साल हुए विधानसभा के बाद मई में ममता बनर्जी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार बनी सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया गया और फिलहाल परिवहन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इससे पहले ममता ने उन्हें शहरी विकास एवं नगरपालिका विभाग जैसे अहम मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी थीं। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मनमुटाव के बाद पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी के नवंबर, 2018 में कोलकाता के मेयर पद से इस्तीफे के बाद ममता ने फिरहाद को ही मेयर की जिम्मेदारी भी सौंपी थी।

इसके बाद से फिरहाद ही कोलकाता के मेयर की भी जिम्मेदारी संभालते आ रहे हैं। 2020 में केएमसी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोरोना की वजह से चुनाव लंबित होने के चलते ममता ने फिरहाद को ही केएमसी के प्रशासक की भी जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद अब केएमसी चुनाव में तृणमूल की प्रचंड जीत के बाद ममता ने एक बार फिर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्पसंख्यक चेहरा फिरहाद हकीम को नया मेयर नियुक्त किया है।

बता दें कि फिरहाद कोलकाता के पहले मुस्लिम मेयर भी हैं। वे अक्सर अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं। वह नारद स्टिंग मामले में भी आरोपित हैं। इस साल मई में लगातार तीसरी बार मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद नारद स्टिंग मामले में सीबीआइ ने फिरहाद समेत तृणमूल के कई नेताओं को गिरफ्तार भी किया था। हालांकि बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिल गई थी।


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