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Bengal Chunav 2021: बंगाल के चुनावी गीतों में खेला होबे.. सबकी जुबां पर चढ़ा अन्य गीत भी पीछे नहीं

Bengal Chunav 2021 वाम देर यंग ब्रिगेड बुक चिरिए बांग्ला निलो... टुंपा सोना टुंपा सोना....दीदी मोदी साथे... इसके अलावा एक और गीत ओ टुनीर मां टुनीर कोथा सुने छे संयुक्त मोर्चा के वोट देबे बोले छे.... गीत से विरोधी दल पर कटाक्ष किया जा रहा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 09:15 AM (IST)
Bengal Chunav 2021: बंगाल के चुनावी गीतों में खेला होबे.. सबकी जुबां पर चढ़ा अन्य गीत भी पीछे नहीं
बंगाल का रण : चुनावी रण में गीतों से भी हो रहे वार

मनोज कुमार भगत, आसनसोल। Bengal Chunav 2021 बंगाल चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच गीतों के माध्यम से भी जंग छिड़ी हुई है। खेला होबे से लेकर आर नोय अन्याय.. समेत कई गीत लोगों की जुबां पर चढ़े हुए हैैं। सभा व रैली में एक-दूसरे के खिलाफ गीत वार चल रहा है। चुनाव की तिथि समीप आने के साथ ही गीतों का युद्ध भी प्रखर हो रहा है। हर चरण में गीतों ने समां बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अभी बंगाल में दो चरणों का चुनाव बाकी है। कोरोना संक्रमण के चलते रैलियां और सभाएं भले वर्चुअल हो रही हों, लेकिन गीतों का जलवा आनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक हर मोर्चे पर है।

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तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और संयुक्त मोर्चा की ओर से एक से बढ़कर एक चुनावी गीत बनाए गए हैं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से दो गाने इस चुनाव में सुपरहिट हुए। खेला होबे गाना तो पूरे बंगाल के लोगों की जुबान पर है, राज्य के बाहर भी यह काफी लोकप्रिय हुआ। यहां तक की प्रधानमंत्री तक ने इस गाने को लेकर कहा कि दीदी कह रही कि खेला होबे लेकिन बंगाल के लोगों ने दीदी के साथ ही खेला कर दिया। इस गाने के बोल है, बाइरे थेके वर्गी आसे नियम कोरो प्रति मासे, बंधु ऐ बार खेला होबे, खेला खेला खेला होबे..., ( दोस्तों इस बार खेल होगा) तृणमुलेर भांगिये नेता नयको, सहज वोटे जेता, दीदीर छोबी सोरबे जोबे, बंधु से दिन खेला होबे, खेला, खेला, खेला होबे...। इसके अलावा बंगाल की बेटी को दोबारा चाहने की बात पर बना गीत बांग्ला निजेर मेये के चाय... को भी तृणमूल कांग्रेस की रैली एवं सभा में बजाया जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर भाजपा की ओर से 'आर नोय अन्याय, आर नोय अन्याय बंग्लाय पदो फूले गेरुआ रंगो झोड़ एसेछे बदले जाबे ए बांग्ला...' ( बंगाल में कमल फूल और भगवा की आंधी आई है बदल जाएगा बंगाल)

पिसी तुमी भाईपो टाके संगो लिए पलाओ करबो सोनार बांग्ला, पदो फूल 21 ए, घास फुटबे फेकासे, पीसी होबे 21 ए आकसे, आर नोय अन्याय...

इसके अलावा गो पीसी जाओ, पीसी जाओ... गीत को भी चुनावी हथियार बनाया गया है। वही संयुक्त मोर्चा के दल माकपा भी अपने गीत के माध्यम से भाजपा और तृकां पर वार कर रही है। उधर, माकपा का चुनावी गीत टुंपा सोना भी काफी प्रचलित हुआ। इस गाने के बोल पीसी मुनी हवाई चटी, भाईपो कोटी-पति (बुआ के पैर में हवाई चप्पल, भतीजा करोड़पति) 21 ए घुरबे खेला, चाकरी आर वोटेर पाला जारा सब बोले छिलो, पाका चूल पोरे गेलो वाम देर यंग ब्रिगेड बुक चिरिए बांग्ला निलो... टुंपा सोना, टुंपा सोना....दीदी मोदी साथे... इसके अलावा एक और गीत ओ टुनीर मां, टुनीर कोथा सुने छे, संयुक्त मोर्चा के वोट देबे बोले छे.... गीत से विरोधी दल पर कटाक्ष किया जा रहा है।


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