अदालत में एक मामले की वर्चुअली पैरवी के दौरान भावुक हुए कल्याण बनर्जी, कठिन हालात में कभी विचलित नहीं हुआ
न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने पूछा- क्या आप शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हैं? इसके जवाब में कल्याण ने कहा-मैं शारीरिक तौर पर स्वस्थ और मानसिक रूप से बेहद अलर्ट हूं। मैं अपने जीवन में बहुत सी कठिन परिस्थितियों से गुजरा हूं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस सांसद व पेशे से अधिवक्ता कल्याण बनर्जी शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में राशन डीलरों से जुड़े एक मामले की वर्चुअली पैरवी के दौरान भावुक हो गए। उनकी हालत देखकर न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य ने पूछा-' क्या आप शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हैं?' इसके जवाब में कल्याण ने कहा-'मैं शारीरिक तौर पर स्वस्थ और मानसिक रूप से बेहद अलर्ट हूं। मैं अपने जीवन में बहुत सी कठिन परिस्थितियों से गुजरा हूं।
भिखारी पासवान के मामले में मेरे बेटे के अपहरण की धमकी दी गई थी लेकिन मुझे दबाया नहीं जा सका था। विभिन्न समय बहुत सी समस्याओं का मैंने सामना किया है लेकिन कभी विचलित नहीं हुआ।' कल्याण ने आगे कहा मेरे बहुत से जूनियर आज न्यायाधीश बन चुके हैं।' एक राज्य के महाधिवक्ता बने थे। उन सभी के स्नेह से मैं भविष्य की तरफ बढूंगा।' गौरतलब है कि हाल में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ बयानबाजी के बाद से कल्याण को पार्टी के नेता-कार्यकर्ताओं के भारी रोष का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले 157 अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कल्याण के खिलाफ शिकायत की थी।उन्होंने कल्याण पर महिला अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करने व अपने पद का दुरुपयोग कर कुछ महिला अधिवक्ताओं को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। पत्र में अधिवक्ताओं ने लिखा कि कल्याण बनर्जी ने खुद को कानून से ऊपर रखने की कोशिश की।
राज्य की सत्ता से निकटता के कारण लोगों को उनकी मांगों को पूरा करने के लिए बाध्य होना पड़ा। कल्याण बनर्जी को भली-भांति पता है कि लोगों का शोषण करने के लिए अपने पद का कैसे इस्तेमाल किया जाता है। पत्र में आगे लिखा गया है कि ऐसा कई मर्तबा देखा गया कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कुछ महिला अधिवक्ताओं को फायदा पहुंचाया। इस कारण वे लोग वंचित हो गए, जो हकदार थे। इसकी एवज में जो विनिमय हुआ, उसका उल्लेख नहीं किया जा सकता। इसके अलावा कई महिला अधिवक्ताओं के प्रति उनका व्यवहार बेहद असम्मानजनक रहा है। कल्याण बनर्जी के खिलाफ इन सबको लेकर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।