West Bengal : जूट बेलर्स संघ ने केंद्र से की स्टॉक रखने की सीमा हटाने की अपील
जेबीए ने पीएमओ को भेज पत्र में लिखा नियंत्रण आदेश से मांग घटेगी व किसानों को फसल के लिए लाभकारी मूल्य प्राप्त नहीं होगा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। जूट गांठनिर्माता संघ (जूट बेलर्स एसोसिएशन या जेबीए) ने केंद्र से कच्चे जूट के भंडार की सीमा पर नियंत्रण वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा है कि नियंत्रणों से पटसन किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त मिलना कठिन होगा। जूट आयुक्त ने जारी एक आदेश में जमाखोरी को रोकने के लिए स्वयं या तीसरे पक्ष के लिए अधिक से अधिक 1,500 क्विंटल कच्ची जूट के स्टाक की सीमा लागू कर दी। जेबीए ने पीएमओ को भेज पत्र में लिखा- नियंत्रण आदेश से मांग घटेगी व किसानों को फसल के लिए लाभकारी मूल्य प्राप्त नहीं होगा।
जेबीए ने कहा है कि जूट की खेती, चक्रवाती तूफान 'एम्फान' और जारी महामारी से प्रभावित हुई थी। भारी बारिश ने के कारण‘25-30फीसद’ फसल को नुकसान भी पहुंचा है। उसने यह भी कहा कि जूट नियंत्रण उपाय किसानों के लिए अच्छा नहीं है। जूट बेलर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में कहा है कि नियंत्रण आदेश से मांग घटेगी तथा किसानों को फसल के लिए लाभकारी मूल्य प्राप्त नहीं हो पाएगा।
जूट मिलों का आरोप था कि अगस्त में कच्चे जूट के दाम 10-15 फीसद बढ़ गए जिसके बाद नियंत्रण आदेश जारी किया गया था। मिल मालिकों ने भी कहा था कि बढ़ती कीमतें उनके परिचालन को प्रभावित करेंगी। जूट बेलर्स संघ ने कहा कि कच्चे जूट की आपूर्ति श्रृंखला अब ‘गैर-जूट व्यापारियों और दलालों’ द्वारा नियंत्रित हो रहा है जो बाजार को ‘अस्थिर’ बना रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि पारंपरिक रूप से पटसन बेलर इकाइयां, जूट उत्पाद मिलों को लिए कच्चे जूट की आपूर्ति करते रहे हैं, लेकिन अब दलालों और व्यापारियों ने उन्हें पीछे दिए गए हैं। इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन ने केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय से सरकारी खरीद के लिए बोरे बनाने के लिए बांग्लादेशी जूट के आयात की अनुमति देने का आग्रह किया था। घरेलू जूट किसानों की सुरक्षा के लिए आयात प्रतिबंध लगाया गया है।