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सातवें दिन खत्म हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

-मुख्यमंत्री व जूनियर डॉक्टरों में हुई बैठक में निकला समाधान आज से स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य होने के

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 09:18 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 09:18 PM (IST)
सातवें दिन खत्म हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
सातवें दिन खत्म हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

-मुख्यमंत्री व जूनियर डॉक्टरों में हुई बैठक में निकला समाधान, आज से स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य होने के आसार

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-मुख्यमंत्री ने मानी आंदोलनकारी डॉक्टरों की सारी मांगें, दिया पूरी सुरक्षा का भरोसा

-प्रत्येक सरकारी अस्पताल में सुरक्षा को एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की घोषणा

-बैठक के बाद अस्पताल जाकर हमले में जख्मी डॉक्टर से मिलीं ममता, पूछा हालचाल

-सरकारी अस्पतालों में सोमवार को भी ठप रहीं स्वास्थ्य सेवाएं, मरीज व परिजन हलकान

-उत्तर बंगाल व मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के अभाव में दो बच्चों की मौत

-आइएमए के आ²वान पर सोमवार को देशभर में 10 लाख डॉक्टर रहे एक दिन की हड़ताल पर

-राज्यपाल ने मुख्यमंत्री व जूनियर डॉक्टरों की ओर से की गई पहल का किया स्वागत

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बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

-सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी वार्ड के गेट पर कालैप्सेल डोर लगाए जाएंगे।

-मरीज के साथ दो लोगों को वार्ड में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।

-डॉक्टरों व मरीजों के परिजनों में समन्वय स्थापित करने के लिए 'तीसरे व्यक्ति' की नियुक्ति की जाएगी।

-बाहरी लोगों के सरकारी अस्पतालों में प्रवेश को रोकने के लिए कदम उठाया जाएगा।

-अस्पतालों में डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं रोकने के लिए जन जागरुकता फैलाई जाएगी।

-आगे इस तरह की घटनाएं होने पर राज्य प्रशासन की ओर से त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

-सभी सरकारी अस्पतालों में शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।

-शिकायत प्रकोष्ठ की जानकारी देने को हिदी, बांग्ला व अंग्रेजी भाषाओं में बड़े-बड़े बोर्ड लगाए जाएंगे।

-अस्पतालों में हमले की घटनाएं रोकने के लिए 'जीरो टोलेरेंस पॉलिसी' अपनाई जाएगी।

-सरकारी अस्पतालों में अलार्म सिस्टम शुरू पर भी विचार, संबंधित थाने से रहेगा कनेक्शन।

-ऐसी घटनाएं होने पर कदम नहीं उठाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ होगी कार्रवाई।

-सरकारी अस्पतालों की आधारभूत संरचना को और किया जाएगा उन्नत।

-सरकारी अस्पतालों से दी जाने वाली दवाएं एक्सपायर न हो पाए, इसकी व्यवस्था की जाएगी।

-सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा के लिए टोल फ्री नंबर शुरू किया जाएगा।

-खरीदकर बेकार पड़ी चिकित्सा मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।

-सरकारी अस्पतालों में व्याप्त डॉक्टरों की किल्लत दूर करने की कोशिश की जाएगी।

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जागरण संवाददाता, कोलकाता : महानगर समेत राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आखिरकार सातवें दिन खत्म हो गई। सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिदल के बीच राज्य सचिवालय नवान्न में हुई बैठक में मसले का हल निकल आया। डेढ़ घंटे चली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी डॉक्टरों की सारी मांगें मानते हुए ड्यूटी के दौरान उनकी पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया। सुरक्षा के बाबत उन्होंने प्रत्येक सरकारी अस्पताल में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की भी घोषणा की। ममता ने उनकी अन्य शिकायतें व समस्याएं भी ध्यान से सुनीं। बैठक के बाद एनआरएस अस्पताल लौटकर जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी और राज्यभर में आंदोलन कर रहे अपने साथियों से जल्द से जल्द काम पर लौटने की अपील की, जिसके बाद मंगलवार से सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य होने के आसार हैं। बैठक के बाद मुख्यमंत्री इंस्टीच्यूट ऑफ न्यूरो साइंसेज में भर्ती हमले में जख्मी डॉक्टर परिबाह मुखर्जी से भी जाकर मिलीं और उनका हालचाल पूछा। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने मसले के समाधान को मुख्यमंत्री एवं जूनियर डॉक्टरों की ओर से की गई पहल का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि राज्य सरकार बैठक में लिए गए सारे फैसलों को पूरा करने के लिए कदम उठाएगी और डॉक्टर भी उच्च आदर्शों के साथ मरीजों की देखभाल करेंगे। इस बीच सोमवार को भी दिनभर स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं, जिससे मरीज व उनके परिजनों की परेशानी जारी रही। उत्तर बंगाल व मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सा के अभाव में दो बच्चों की मौत हो गई। इसके साथ ही बिना इलाज मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। दूसरी तरफ जूनियर डाक्टरों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के बैनर तले देशभर में 10 लाख डॉक्टर एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर रहे, जिसका स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा। इस बीच पीपुल फॉर बेटर ट्रीटमेंट नामक संगठन ने डाक्टरों की हड़ताल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करार देते हुए इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।

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मुख्यमंत्री से मिला 31 सदस्यीय प्रतिनिधिदल

मुख्यमंत्री के साथ बैठक में 31 सदस्यीय प्रतिनिधिदल ने हिस्सा लिया। इसमें राज्य के 14 मेडिकल कालेज अस्पतालों में से दो-दो प्रतिनिधियों के अलावा तीन सीनियर डॉक्टर शामिल थे। बैठक में राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के अलावा स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, राज्य के मुख्य सचिव मलय दे, गृह सचिव अलापन बंद्योपाध्याय, स्वास्थ्य सचिव राजीव सिन्हा, स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के निदेशक प्रदीप मित्रा, राज्य पुलिस के महानिदेशक वीरेंद्र, कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा, राज्य के सुरक्षा सलाहकार सुरजीत कर पुरकायस्थ समेत आला पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद जश्न मनाते हुए जूनियर डाक्टर एनआरएस पहुंचे और वहां अपनी जनरल बॉडी की बैठक करने के बाद आधिकारिक तौर पर हड़ताल खत्म करने का एलान कर दिया।

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