अभिनव उपाय: कोरोना काल में रूप बदल रहीं देवियां, दुर्गा प्रतिमाओं में बदलाव कर गढ़ी जाएंगी जगद्धात्री प्रतिमाएं
कोरोना के कारण इस साल कोलकाता में मूर्तिकारों के मोहल्ले कुम्हारटोली में देवी दुर्गा की करीब 200 प्रतिमाएं बिकी ही नहीं। इस कारण उनके निर्माण में मूर्तिकारों ने जो रुपये लगाए थे वे निकल नहीं पाए हैं। देवी दुर्गा की प्रतिमा अब देवी जगद्धात्री का रूप लेगी।
कोलकाता , राज्य ब्यूरो। कोरोना काल में देवियों का रूप बदल रहा है। देवी दुर्गा की प्रतिमा अब देवी जगद्धात्री का रूप लेगी। कोरोना के कारण इस साल कोलकाता में मूर्तिकारों के मोहल्ले कुम्हारटोली में देवी दुर्गा की करीब 200 प्रतिमाएं बिकी ही नहीं। इस कारण उनके निर्माण में मूर्तिकारों ने जो रुपये लगाए थे, वे निकल नहीं पाए हैं। सामने जगद्धात्री पूजा है और मूर्तिकारों के पास फिर अपनी जेब से रुपये लगाकर जगद्धात्री प्रतिमाएं गढ़ना संभव नहीं हैं इसलिए उन्होंने दुर्गा प्रतिमाओं में ही बदलाव करके उन्हें जगद्धात्री प्रतिमाओं का रूप देने का निश्चय किया है यानी अब महिषासुर की जगह हाथी रूपी राक्षस तैयार कर इसमें जोड़ा जाएगा।
मूर्तिकारों के संगठन कुम्हारटोली मृतशिल्पी सांस्कृतिक समिति के संयुक्त सचिव रंजीत सरकार ने बताया-'इतनी बड़ी संख्या में दुर्गा प्रतिमाओं के नहीं बिक पाने का यह एक रिकॉर्ड है। एक-एक दुर्गा प्रतिमा के निर्माण में काफी मेहनत करनी पड़ती है। मूर्ति निर्माण में मजदूरों को भी लगाना पड़ता है। इसमें काफी खर्च आता है। दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण के लिए जो अग्रिम धनराशि मिली थी, उससे दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण कार्य शुरू किया गया था लेकिन अंतिम समय में उनमें से बहुत से ऑर्डर रद् कर दिए गए, जिसके कारण हुए वे प्रतिमाएं बिना बिके रह गई हैं। उन मूर्तिकारों के हाथ अभी खाली हैं इसलिए उन्होंने उन्हीं दुर्गा प्रतिमाओं में बदलाव करके उन्हें जगद्धात्री प्रतिमाओं में बदलने का फैसला किया है ताकि उन्हें बेचकर नुकसान की भरपाई की जा सके।'
एक मूर्तिकार ने बताया-' मेरी तीन दुर्गा प्रतिमाएं नहीं बिक पाईं। तीनों के लिए आर्डर मिले थे लेकिन आखिरी वक्त में उन्हें रद कर दिया गया। अब देवी दुर्गा को मैं जगद्धात्री का रूप दूंगा।' हालांकि इसे लेकर भी मूर्तिकार आशंकित हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि दुर्गा प्रतिमाएं जितनी ऊंची जगद्धात्री प्रतिमाएं कोलकाता में बिकेंगी या नहीं क्योंकि कोलकाता में आमतौर पर छोटे आकार के जगद्धात्री पूजा के पंडाल बनते हैं। इसके विपरीत हुगली जिले के चंदननगर के पंडालों के लिए बेहद ऊंची जगद्धात्री प्रतिमाओं का निर्माण होता है, हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस बार वहां भी बहुत ऊंची जगद्धात्री प्रतिमाओं को पूजा पंडालों में विराजमान करने की संभावना कम दिख रही है।