Invention in West Bengal : अब कोरोना से बचाएगा हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक मास्क
कोरोना वायरस को रोकने को अब लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है। तरह-तरह के मास्क बनाए जा रहे हैं। कुछ फैशनेबल हैं कुछ हाई-टेक हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: कोरोना वायरस को रोकने को अब लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है। तरह-तरह के मास्क बनाए जा रहे हैं। कुछ फैशनेबल हैं, कुछ हाई-टेक हैं। जादवपुर विश्वविद्यालय भी कोरोना युद्ध में अपनी अभिनव शक्ति दिखाने जा रहा है। यहां के इंस्ट्रूमेंटेशन डिपार्टमेंट के छात्रों ने एक हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक मास्क बनाने की पहल की है। डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। आइसीएमआर से अनुमोदन मिलने की प्रतीक्षा है। अनुमति मिलते ही उत्पादन शुरू हो जाएगा।
जादवपुर विश्वविद्यालय बुनियादी आविष्कारों और नवाचारों में बेहतर किए हैं। मास्क से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है इस पर अभी भी संदेह है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू में एन 95 मास्क का उपयोग करने पर जोर दिया था, लेकिन बाद में यह बताया गया कि विशेष मास्क सभी के लिए उपयुक्त नहीं था। विशेषज्ञ तीन-परत वाले सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह देते हैं। कोई सूती मास्क के पक्ष में है। इन सबके बीच जादवपुर विश्वविद्यालय के इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के छात्र ने जो मास्क बना रहे हैं, वह उच्च-तकनीकी वाला इलेक्ट्रॉनिक मास्क होगा। विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, इस मास्क में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभाव होगा जो वायरस को मारने में सक्षम होगा। शोधकर्ताओं और छात्रों का दावा है कि कोई भी इस मास्क को पहनकर वायरस के खिलाफ लड़ाई में सफल हो सकता है।
विश्वविद्यालय के सह कुलपति चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के छात्रों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मास्क के डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया है। हमने मंजूरी के लिए आइसीएमआर को आवेदन किया है। हमलोग अनुमदोन का इंतजार कर रहे हैं। हरी झंडी मिलते ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि यह मास्क कैसे काम करेगा और इसकी कीमत क्या होगी? देखने में कैसा होगा और कहां तैयार होगा? इसका खुलासा नहीं किया गया है।