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International Border : ऑनलाइन सामानों की खरीदारी कर बांग्लादेश में तस्करी करने वाले रैकेट का बीएसएफ ने किया भंडाफोड़

International Border अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी के डिलीवरी मैन को तस्करी के सामानों के साथ दबोचा। उसके पास से करीब 4 लाख रुपये मूल्य की 10 मोबाइल फोन 17 साड़ियां और दवाइयां बरामद की गई है जिसका उसके पास कोई बिल नहीं था।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 04:26 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 04:26 PM (IST)
International Border : ऑनलाइन सामानों की खरीदारी कर बांग्लादेश में तस्करी करने वाले रैकेट का बीएसएफ ने किया भंडाफोड़
पहली बार इस तरह का मामला सामने आने के बाद बीएसएफ सीमा पर और सतर्क हो गई है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल में एक असाधारण रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें भारत से मोबाइल फोन और अन्य सामानों की ऑनलाइन खरीदारी कर इसे तस्करों की सुविधा के लिए बांग्लादेश सीमा के पास के स्थानों पर भेज दिया जाता है।

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ई-कॉमर्स कंपनी के एक डिलीवरी एजेंट पकड़ा 

इस सिलसिले में बीएसएफ की 112वीं बटालियन के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अमुदिया सीमा चौकी क्षेत्र से एक प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनी के एक डिलीवरी एजेंट को तस्करी के सामानों के साथ दबोचा है।

4 लाख मूल्य के मोबाइल, साड़ी व दवा बरामद

उसके पास से करीब 4 लाख रुपये मूल्य की 10 मोबाइल फोन, 17 साड़ियां और दवाइयां बरामद की गई है, जिसका उसके पास कोई बिल नहीं था। पकड़े गए शख्स की पहचान उत्तर 24 परगना के स्वरूपनगर थाना के स्वरूपदा, हकीमपुर गांव के रहने वाले अख्तरुल गाज़ी (28) के रूप में हुई है।

खेप बांग्लादेश सीमा पर हकीमपुर पहुंचानी थी

बीएसएफ के अनुसार, पूछताछ में उसने दावा किया कि उसके प्रबंधक ने उसे इन सामानों की खेप को बांग्लादेश सीमा पर स्थित हकीमपुर में एक व्यक्ति के पास पहुंचाने के लिए कहा था। यहां से फिर इन सामानों को बांग्लादेश भेज दिया जाता।

पता नहीं था तस्करी का सामान पहुंचा रहे हैं

इधर, बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम अक्सर सीमा के पास डिलीवरी मैन लड़कों को देखा करते थे, लेकिन यह हमारे दिमाग में कभी नहीं आया कि वे तस्करी के लिए सामान पहुंचा रहे हैं।

10 मोबाइल फोन, 17 साड़ियां और दवा मिलीं  

हालांकि, अमुदिया सीमा चौकी इलाके में हमारे जवानों ने  खुफिया इनपुट के आधार पर गाजी को रोका, जब वह सामानों की डिलीवरी देने जा रहा था।  उसके पास से 10 मोबाइल फोन, 17 साड़ियां और दवाएं मिलीं।  उसके पास कोई बिल नहीं था।

मसलंदपुर ऑफिस को डिलीवरी मैन का काम

पूछताछ में उसने बताया कि वह पिछले 2 महीने से ऑनलाइन कंपनी के मसलंदपुर ऑफिस के लिए डिलीवरी मैन का काम कर रहा है। उसने दावा किया कि उसके ऑफिस के प्रबंधक तपन दास ने उसे यह सामान दिया था जो कि किसी व्यक्ति को हकीमपुर में देने थे।

तेंतुलिया सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंपा 

मैनेजर ने उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर दिया था जिसे यह सामान देना था। बीएसएफ ने आगे की कार्रवाई के लिए जब्त किए गए सामानों के साथ गाज़ी को तेंतुलिया सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंप दिया है।

बीएसएफ सीमा पर और सतर्क हो गई है 

बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि यह पता लगाना आवश्यक है कि ऑनलाइन सामान कौन मंगवाता था और तस्करी के इस रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल हैं। ऑनलाइन कंपनी के मैनेजर को ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है। इधर, पहली बार इस तरह का मामला सामने आने के बाद बीएसएफ सीमा पर और सतर्क हो गई है।


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