मानवता की मिसाल: मरीज का इलाज करने के बाद उसे खुद अपनी कार से सैकड़ों किमी दूर उसके घर छोड़ आए डॉक्टर
कोरोना काल में एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टरों ने पेश की मानवता की एक और मिसाल माता-पिता आकर ले नहीं जा पा रहे थे जैसे-तैसे भेजने में था संक्रमित होने का भारी जोखिम
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोरोना काल में एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टरों ने मानवता की एक और मिसाल पेश की है। उन्होंने 14 साल की एक किशोरी का न सिर्फ सफलतापूर्वक इलाज किया बल्कि उसे अपनी निजी कार से सैकड़ों किलोमीटर दूर उसके घर भी छोड़ आए क्योंकि लॉकडाउन के कारण ट्रेनें बंद होने की वजह से उसके माता-पिता उसे लेने नहीं आ पा रहे थे।
चूंकि किशोरी का हाल में ऑपरेशन हुआ था इसलिए डॉक्टर उसे अकेला छोड़ना नहीं चाह रहे थे क्योंकि उसके संक्रमित होने का खतरा दूसरों से कहीं ज्यादा था। अंत में एसएसकेएम की यूनिट-6 सर्जरी डिपार्टमेंट के दो डॉक्टरों ने उसे अपने साथ निजी कार में उसके घर छोड़ आने का फैसला किया।
डॉक्टर पवन मंडल व डॉ सरदार उसे कार से पश्चिम मेदिनीपुर के तमलुक इलाके में स्थित उसके घर ले गए। यूनिट-6 सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर बितान चट्टोपाध्याय ने बताया कि किशोरी को गत सात जून को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था। उसके पेट में निचले भाग में दर्द था। जांच करने पर पता चला कि पेट के अंदर का एक हिस्सा सड़ गया है और तत्काल ऑपरेशन करने की जरूरत है।
ऑपरेशन के दौरान उसे दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उसे आइटीयू में शिफ्ट किया गया। 48 दिनों तक वहां उसका इलाज चला। धीरे-धीरे किशोरी पूरी तरह स्वस्थ हो गई। उसके माता-पिता दौरान एक-दो दिन के लिए अपने घर गए थे। उसके बाद से वे यातायात के साधन नहीं मिल पाने के कारण अस्पताल नहीं आ पा रहे थे। किशोरी भी स्वस्थ होने के बाद अपने घर लौटना चाह रही थी लेकिन उसे जैसे-तैसे भेजने में काफी जोखिम था इसलिए हमारे दो डॉक्टर उसे अपने साथ ले गए और उनके माता-पिता के पास छोड़ आए।' सर्जरी डिपार्टमेंट और डॉक्टरों की इस पहल की काफी सराहना की जा रही है।