West Bengal Politcs: सिंगुर में तृणमूल में अंदरुनी कलह बरकरार, पार्टी ने पंचायत प्रधान व उपप्रधान को किया बहिष्कृत
West Bengal Politcsदोनों पर बीते विधानसभा चुनाव में दल विरोधी काम करने का है आरोप। हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष दिलीप यादव ने कहा- हमलोग जिले से राज्य कमेटी को इस बाबत सिफारिश भेजते है। राज्य कमेटी से निर्देश मिलने के बाद ही हमलोग आरोपितों पर कार्रवाई करते हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। प्रचंड बहुमत के साथ बंगाल में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बावजूद बहुचर्चित सिंगुर में तृणमूल कांग्रेस में अंदरुनी कलह शांत होता नजर नहीं आ रहा।बीते विधानसभा चुनाव में दल विरोधी कार्य करने के आरोप में सिंगुर ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद धारा ने स्थानीय बागभाड़ा-छीनामोड़ पंचायत की प्रधान अंजलि घोष एव उपप्रधान चंद्रनाथ दास को पार्टी से बहिष्कृत कर दिया है। बताया गया है कि दोनों सिंगुर के विधायक एव राज्य के श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना के विरोधी हैं। इस बाबत बेचाराम मन्ना की अबतक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
गोविंद धारा ने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में प्रधान व उपप्रधान ने तृणमूल के खिलाफ काम किया था। इसी को देखते हुए दोनों को बहिष्कृत किया गया है। दूसरी तरफ अंजलि घोष का कहना है कि गत पंचायत चुनाव में खुद बेचाराम मन्ना ने उप प्रधान के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर खुलेआम दल के खिलाफ बगावत की थी। आज वही लोग सिंगुर के बड़े नेता बने हुए हैं। हुगली जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष दिलीप यादव ने कहा-' हमलोग जिले से राज्य कमेटी को इस बाबत सिफारिश भेजते है। राज्य कमेटी से निर्देश मिलने के बाद ही हमलोग आरोपितों पर कार्रवाई करते हैं।'
सूत्रों ने बताया कि अंजलि देवी और चंद्रनाथ दास सिंगुर के पूर्व विधायक रवींद्रनाथ भट्टाचार्य के करीबी माने जाते है। बीते विधानसभा चुनाव में रवींद्रनाथ भट्टाचार्य ने तृणमूल का दामन छोड़कर भाजपा के टिकट पर सिंगुर से चुनाव लड़ा था। उन्हें 25 हजार वोट के अंतर से बेचाराम मन्ना ने शिकस्त दी थी। गौरतलब है कि सिंगुर आंदोलन के जरिए ही ममता बनर्जी बंगाल की सत्ता पर काबिज हुई थीं। उसी समय से सिंगुर में बेचाराम मन्ना एवं रवींद्रनाथ भट्टाचार्य में मतभेद शुरू हुआ था, जिसका असर आज भी देखा जा रहा है