Move to Jagran APP

फिल्म में पर्दे के पीछे के लोगों का योगदान कम नहीं: अमिताभ

अमिताभ बच्चन ने कहा है कि फिल्म निर्माण एक टीम वर्क है। तकनीशिन्स से लेकर अन्य छोटे कलाकारों व पर्दा के पीछे काम करनेवाली टीम के सदस्य भी मेहनत करते हैं।

By Edited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 09:08 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 12:43 PM (IST)
फिल्म में पर्दे के पीछे के लोगों का योगदान कम नहीं: अमिताभ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा है कि फिल्म निर्माण एक टीम वर्क है। तकनीशिन्स से लेकर अन्य छोटे कलाकारों व पर्दा के पीछे काम करनेवाली टीम के सदस्य भी मेहनत करते हैं। लेकिन सितारों के आगे लोग पर्दे के पीछे काम करनेवाले तकनीशयन्स व अन्य छोटे कलाकारों को लोग भूल जाते हैं। यह ठीक नहीं है। एक अच्छी फिल्म में जितना बड़े सितारे का योगदान होता है उससे कम योगदान उसके साथ काम करनेवाले तकनीशियन्स व अन्य छोटे कलाकारों का नहीं होता है।

loksabha election banner

फिल्म निर्माण में पर्दे के पीछे काम करनेवाले सदस्यों को भुलाया नहीं जा सकता है। अमिताभ ने शनिवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में 24 वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव के उद्घाटन में यह बातें कही। महेश भंट्ट, वहिदा रहमान, शाहरूख खान, जया बच्चन, गौतम घोष और बांग्ला फिल्मों के मशहूर अभिनेता प्रसेनजीत चटर्जी और सौमित्र चटर्जी की उपस्थिति में अमिताभ ने दीप प्रज्वलित कर 24 वें कोलकाता फिल्मोत्सव का उद्घाटन किया।

टालीवुड के अभिनेता व अभिनेत्रियों की जमावड़ा लगा रहा वहीं आस्ट्रेलिया समेत 70 देशों के विदेशी प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच फिल्मोत्सव का उद्घाटन करने के बाद अमिताभ ने भारतीय सिनेमा को समृद्ध बनाने में बंगाल के फिल्म निर्देशकों के योगदान पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बंगाल के फिल्म निर्देशकों की रचनात्मक क्षमता सराहनीय है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में जितने भी लोग सफल हुए हैं उनके पीछे उनका लंबा संघर्ष रहा है। बिमल राय, पीसी बरुआ, गुरुदत्त, ऋषिकेश राय और मृणाल सेन से लेकर यश चोपड़ा, विधुविनोद चोपड़ा और आज के राजकुमार हिरानी और संजयलीला भंसाली तक सभी ने काफी लंबा संघर्ष किया है। कुछ लोगों ने तो बड़े निर्देशकों के साथ सहायक के रूप में काम किया और आगे जाकर बड़े निर्देश बने। फिल्मों में सहायक के तौर पर काम करने और सिखने की परंपरा आज भी बरकरार है।

ऋतिक रोशन ने फिल्म में आने के पहले अपने पिता के साथ सहायक के रूप में काम किया। सोनम कपूर ने अभिनेत्री बनने के पहले संजयलीला भंसाली के साथ फिल्म निर्माण की बारिकियां सीखी। अमिताभ ने भारतीय सिनेमा में महिलाओं के योगदान पर भी प्रकाश डाला। महानायक ने कोलकाता फिल्म हेरिटेज के तहत उत्कृष्ट फिल्मों के संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना की। हम विभेद नहीं एकता पर करते हैं विश्वास: ममता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को फिल्मोत्सव के मंच से भी विरोधियों पर हमला बोला। उन्होंने अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान और महेश भंट्ट जैसी फिल्मी हस्तियों की उपस्थिति में कहा कि कोलकाता में ही एक साथ 25 हजार लोगों को लेकर फिल्म उत्सव संभव है। देश में कही भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों के साथ ऐसा उत्सव नहीं होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एकता में विश्वास करती हैं। वह राज्य में विभेद पैदा नहीं होने देंगी।

ममता ने वामपंथियों पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि वाममोर्चा के शासन में बंगाल की समृद्ध फिल्म संस्कृति ध्वस्त हो रही थी। नंदन में मात्र 200-500 लोगों की उपस्थिति में कोलकाता फिल्मोत्सव होता था। उनकी पार्टी जब सत्ता में आई तो उन्होंने 25 हजार लोगों की उपस्थिति में नेताजी इंडोर स्टेडियम में फिल्मोत्सव करने की व्यवस्था की।

बांग्ला फिल्म की समृद्ध परंपरा को उन्होंने पुनर्बहाल किया। आगामी दिनों वह इससे भी बड़े पैमाने पर एक लाख लोगों के साथ फिल्मोत्सव करने की व्यवस्था करेंगी। उन्होंने कहा कि बांग्ला फिल्म उद्योग में जो मेधा है वह सहयोग मिलने पर हालीवुड को टक्कर दे सकती है। राज्य की जनता को उत्सव और आनंद मनाने का अधिकार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.