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West Bengal : अवैध धंधा- अब कस्टम को बंगाल में बालों की तस्करी के रैकेट का पता चला

बंगाल में खुले बाजार में 3000 रुपये से लेकर 6000 रुपये प्रतिकिलो है मानव बालों की कीमत सीधे बिचौलियों से ही बालों की खरीद कर रहे बांग्लादेश और म्यांमार के व्यापारी केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय बंगाल में कोयला माफियाओं और गाय तस्करों के खिलाफ सख्ती कर रहे हैं।

By PRITI JHAEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 09:36 AM (IST)
West Bengal : अवैध धंधा- अब कस्टम को बंगाल में बालों की तस्करी के रैकेट का पता चला
बंगाल में बालों की तस्करी के रैकेट का पता चला

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बंगाल में कोयला माफियाओं और गाय तस्करों के खिलाफ सख्ती कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय सीमा शुल्क विभाग ने बंगाल में बालों की तस्करी रैकेट का पता लगाया है। बालों की तस्करी को देखते हुए केंद्रीय सीमा शुल्क विभाग की तरफ देशभर में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी), कस्टम्स, डायरेक्ट डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) और एयरपोर्ट अथॉरिटी को अलर्ट भेजा गया है। केंद्रीय सीमा शुल्क विभाग कहना है कि कुछ मानव बालों के निर्यातक जानबूझ कर अपने कंसाइनमेंट का मूल्य कम दर्शा रहे हैं।

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दरअसल देश में मानव बालों के कंसाइनमेंट कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इसकी वजह चीन को गैरकानूनी तरीकों से मानव बालों की तस्करी माना जा रहा है। इस तस्करी से भारत को हर साल करीब 150 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

देश के निर्यातक अपने कंसाइनमेंट की कीमत 27 रुपये से लेकर 1400 रुपये प्रति किलो दर्शा रहे हैं। जबकि बंगाल में मानव बालों की मौजूदा समय में खुले बाजार में कीमत रुपये 3000 रुपये से 6000 रुपये प्रतिकिलो के बीच है। साल 2017 से इनके औसत मूल्य में काफी गिरावट देखने को मिली है। देश में इन्हें चोटी, गोली और थुट्टी के नाम से भी जाना जाता है।

हर साल 10 फीसद की दर से बढ़ रहा कारोबार

भारत से हर साल लगभग 400 मिलियन डॉलर के बाल सप्लाई होते हैं। मानव बालों का कारोबार 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का बताया जाता है। इस व्यापार में हर साल कम से कम 10 फीसद की वृद्धि हो रही है। देश में कोलकाता, चेन्नई और आंध्रप्रदेश बालों के कारोबार के गढ़ हैं। यहां से 90 फीसद बाल चीन को भेजे जाते हैं।

फेमा व आयकर नियमों का उल्लंघन

सर्वे में पता लगा कि शिपिंग बिलों को कम करके दिखाया जा रहा है। इससे फेमा नियमों और आयकर नियमों के उल्लंघन के साथ ही 28 फीसद आयात शुल्क का भी नुकसान हो रहा है। जानकारी के अनुसार मानव बालों को म्यामांर और बांग्लादेश के जरिये लैंड रूट से तस्करी की जा रही है। म्यांमार और बांग्लादेश के व्यापारी भारतीय बिचौलियों से सीधे बालों की खरीद कर चीन में भेज रहे हैं। तस्करी में ये लोग बालों को कंसाइनमेंट को कॉटन या अन्य चीजें के कंसाइनमेंट बता रहे हैं। भारत से बालों को खरीद कर म्यांमार और बांग्लादेश में प्रोसेस्ड किया जाता है। यहां सस्ते लेबर की वजह से बालों की प्रोसेसिंग काफी फायदेमंद पड़ती है। इसके बाद इन्हें चीन भेजा जाता है। चीन मानव बालों से ह्यूमन विग के साथ ही ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं। 


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