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West Bengal: आईआईटी खड़गपुर ने डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए कनाडा विश्वविद्यालय से मिलाया हाथ

वैश्विक स्तर तक पहुंचने के अपने अभियान के तहत आईआईटी-खड़गपुर ने एक संयुक्त ‘डॉक्टोरल डिग्री प्रोग्राम’ शुरू करने के लिए कनाडा के अल्बर्ट विश्वविद्यालय से हाथ मिलाया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 02:46 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 02:46 PM (IST)
West Bengal: आईआईटी खड़गपुर ने डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए कनाडा विश्वविद्यालय से मिलाया हाथ
West Bengal: आईआईटी खड़गपुर ने डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए कनाडा विश्वविद्यालय से मिलाया हाथ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वैश्विक स्तर तक पहुंचने के अपने अभियान के तहत आईआईटी-खड़गपुर ने एक संयुक्त ‘डॉक्टोरल डिग्री प्रोग्राम’ (जेडीपी) शुरू करने के लिए कनाडा के अल्बर्ट विश्वविद्यालय से हाथ मिलाया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के संकाय सदस्यों और छात्रों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान करना है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (आईआईटी-केजीपी) ने एक बयान में कहा कि इस कार्यक्रम से छात्रों को छह महीने से एक साल के लिए कनाडा के अल्बर्ट विश्वविद्यालय में शोध करने का मौका मिलेगा। आईआईटी खड़गपुर के निदेशक वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा, ‘‘हमें कोविड-19 के बाद और अधिक रणनीतिक तरीके से सक्रिय होना होगा।’’

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वहीं दूसरी ओर आईआईटी, खड़गपुर ने छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन मध्य सेमेस्टर परीक्षा में प्राप्त ग्रेड, एसाइनमेंट और मौखिक परीक्षा के आधार पर करने का निर्णय लिया है। संस्थान की एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण छात्र सेमेस्टर समाप्त होने की परीक्षा में उपस्थित होने में असमर्थ हैं इसलिए यह निर्णय लिया गया। प्रवक्ता ने कहा कि ग्रेड देने की व्यवस्था और पूरक परीक्षा के साथ इन विषयों पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। वैश्विक स्तर तक पहुंचने के अपने अभियान के तहत आईआईटी-खड़गपुर ने एक संयुक्त ‘डॉक्टोरल डिग्री प्रोग्राम’ (जेडीपी) शुरू करने के लिए कनाडा के अल्बर्ट विश्वविद्यालय से हाथ मिलाया है। 

उन्होंने कहा कि 27 मई को सीनेट की एक बैठक में इस संबंध में लिए गए निर्णय के आधार पर संस्थान एक परिपत्र जारी करेगा। सीनेट में वरिष्ठ अध्यापकों के साथ छात्रों का एक प्रतिनिधि होता है। प्रवक्ता ने कहा कि सीनेट की बैठक के दौरान हुई चर्चा और पिछले कुछ दिनों में छात्र परिषद से प्राप्त सुझावों के बाद यह निर्णय लिया गया। प्रवक्ता ने कहा, “हमने इस सेमेस्टर के लिए ही यह निर्णय लिया है क्योंकि अब परीक्षा में देर हो रही है और जून में परीक्षा कराना कठिन है क्योंकि आवागमन पर जारी प्रतिबंधों के चलते अधिकतर छात्र घर पर हैं।” 


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