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महिलाओं पर मुसीबत मंडराएगी तो अब बंगाल के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक की इजाद ‘सैंडल’ देगी सुरक्षा

सैंडल में एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण के साथ एक स्विच है जिसे पांव से दबाते ही अलार्म संदेश पांच विशिष्ट फोन नंबरों पर एक साथ पहुंच जाएगा। शिक्षक सैयद मुशर्रफ हुसैन ने बताया कि महिलाएं सैंडल तो जरूर पहनती हैं। इसलिए सैंडल को हथियार के तौर पर विकसित किया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 05:14 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:14 PM (IST)
महिलाओं पर मुसीबत मंडराएगी तो अब बंगाल के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक की इजाद ‘सैंडल’ देगी सुरक्षा
किस जगह पर महिला मुसीबत में है उसका पूरा विवरण टेक्स्ट मैसेज में रहेगा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : आए दिन महिलाओं के साथ हिंसा एवं दुष्कर्म जैसी घटनाएं हो रही हैं जो समाज को शर्मसार कर देती हैं। ऐसे में महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने के मकसद से बंगाल के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक ने सैंडल में फिट होने वाले एक ऐसे उपकरण का इजाद किया है जिससे मुसीबत में महिला द्वारा पैर से सैंडल में लगे स्विच को दबाते अलार्म संदेश विशिष्ट फोन नंबरों पर एक साथ पहुंच जाएगा। किस जगह पर महिला मुसीबत में है उसका पूरा विवरण टेक्स्ट मैसेज में रहेगा। 

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महिला की मुसीबत में सुरक्षा के लिहाज से विकसित हथियार सैंडल

इससे महिला को सुरक्षा के लिहाज से काफी मदद मिलेगी। उपकरण का आविष्कारकर्ता बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के गुसकरा के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक सैयद मुशर्रफ हुसैन ने बताया कि बाहर जाते वक्त महिलाएं मोबाइल या अन्य उपकरण तो भूल सकती हैं, लेकिन सैंडल तो जरूर पहनती हैं। इसलिए सैंडल को हथियार के तौर पर विकसित किया है। 

अलार्म संदेश पांच विशिष्ट फोन नंबरों पर एक साथ पहुंच जाएगा

इसे पहनने के बाद मुसीबत के समय महिलाओं को न तो पर्स से स्मार्ट फोन निकालने की जरूरत होगी, न इमरजेंसी नंबर डायल करने की। सैंडल में एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण के साथ एक स्विच है जिसे पांव से दबाते ही आधुनिक जीपीएस सिस्टम के माध्यम से 30 सेकंड के भीतर ही अलार्म संदेश उपकरण में सेट किए गए पांच विशिष्ट फोन नंबरों पर एक साथ पहुंच जाएगा।

बिजली का झटका भी देगी सैंडल, पेटेंट के लिए आवेदन किया है

इतना ही नहीं मुसीबत के समय में अगर महिला इस सैंडल को जमीन पर पटके तो इसमें तेज बिजली प्रवाहित होगी जिससे बदमाश को झटका लग सकता है। यह बचाव का बेहतरीन हथियार साबित होगा। शिक्षक ने इसके पेटेंट के लिए पश्चिम बंगाल स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में आवेदन किया है। इसके बाद इसके व्यवसायिक उत्पादन के बारे में विचार किया जा सकता है।


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