ममता ने कहा-मैं वोट मांगने नहीं आई, अपनी जान देकर भी बंगाल का विभाजन नहीं होने दूंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 34 सालों के वाममोर्चा शासनकाल में उत्तर बंगाल को हमेशा उपेक्षित रखा था।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। धर्म और समाज को वोट के लिए तोड़ने वालों से आप सभी हिंदी भाषियों को सावधान रहना होगा। जहां शांति और विकास है वहीं व्यापार और उन्नति है। वोट के समय बंगाल विभाजन की बात करने वाले आपके हितैषी नहीं हो सकते। यह चुनावी रैली या सभा नहीं है?
हिंदी भाषियों के मिलन समारोह में पहली बार बतौर मुख्यमंत्री आपके बीच आई हूं। टीएमसी को वोट दे या नहीं दे इसकी मुझे परवाह नहीं। मैं वोट के लिए भीख नहीं मांगती। आप हिंदीभाषी ऐसा मत करें की जिस व्यापार रूपी पेड़ पर बैठे हैं, उसी को मत काटने का काम करें। इससे किसी का भला नहीं होने वाला। विकास में रोड़ा डालने वाले और दूसरे प्रांतों से गुंडा मंगाकर हिंसा फैलाने वालों से सावधान करने आई हूं। यह कहना है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का।
गुरुवार को उत्तर बंगाल मारवाड़ी सेवा पैलेस में पश्चिम बंगाल हिंदीभाषी परिषद की ओर से आयोजित मिलन समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 34 सालों के वाममोर्चा शासनकाल में उत्तर बंगाल को हमेशा उपेक्षित रखा था। सत्ता में आने के बाद उत्तर बंगाल में विकास की धारा बहाने का काम किया गया। मिनी सचिवालय, कई टूरिज्म हब और सभी समाज के विकास के लिए कार्य किए।
जब उत्तर बंगाल विकास पथ पर दौड़ने लगा है तो दार्जिलिंग में अशांति उत्पन्न कराया गया। यह किसने कराया यह किसी से छुपा नहीं है। बंगाल सरकार ने दार्जिलिंग में शांति स्थापित किया। पड़ोसी राज्य सिक्किम से अच्छा संबंध बनाए। अब फिर से इसे अशांत करने की साजिश रची जा रही है। अपनी जान देकर भी बंगाल का विभाजन नहीं होने दूंगी।
केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बंगाल के लोगों की सुविधा के लिए कोलकाता हाइकोर्ट सर्किट बैंच जलपाईगुड़ी में तैयार किया। केंद्र सरकार इसके उद्घाटन पर रोक लगाए हुए है। आज पर्यटन के क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है। यहां आने वाले पर्यटकों से यहां के हिंदीभाषियों को ज्यादा लाभ होगा। देश में अबतक की सबसे खराब केंद्र सरकार है। इस सरकार ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। नोटबंदी करके व्यापारियों का व्यापार खत्म कर दिया। कभी सीबीआइ तो कभी इडी से लोगों को डराने का काम किया जाता है। मानो वह गब्बर सिंह है।
महिलाएं जो लक्ष्मी होती हैं उसके जमा पूंजी को भी नोटबंदी के नाम पर हड़प लिया। वर्तमान में डालर लगातार छलांग मार रहा है और रुपये नीचे गिर रहा है। ममता बनर्जी ने कहा कि वे सात बार एमपी और दो बार केंद्रीय मंत्री रहीं। कभी इस प्रकार की सरकार को नहीं देखा।
भाजपा शासित राज्यों में पुलिस बेलगाम हो गई है। रुकने को कहती है, नहीं रुकने पर गोली मार देती है। किसान अपना हक मांगता है तो उसपर गोली और लाठीचार्ज कर दिया जाता है। बंगाल में 40 प्रतिशत बेरोजगारी कम हुई है, परंतु देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। महिलाएं सुरक्षित नहीं है। एनआरसी के नाम पर असम में बिहारी मारवाड़ी भगाओं का नारा दिया जा रहा है।
यूपी समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों समेत बंगाल में मुसलिमों को निकालने की बात की जा रही है। देश में रहने वाला प्रत्येक आदमी भारतीय है। आजादी के आंदोलन में ऐसे लोगों का कोई अता-पता नहीं था। आजादी की लड़ाई लड़ने वाले महात्मा गांधी को मारने वाले यही लोग ही थे,जो आज देश को अपना बता रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा एक घर में माता-पिता रहेंगे तो वहां चाचा-चाची नही रह सकतीं। ऐसा बंगाल में नहीं होने वाला। दूसरे राज्यों में भले ही हिंदी भाषियों को निकाल बाहर करने की कोशिश होती है, परंतु आजतक इस सरकार में किसी हिंदीभाषी को बाहर निकालने की कोशिश हुई?। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदीभाषी समाज के लिए हमेशा मेरा दरवाजा खुला है।
मिलन समारोह की अध्यक्षता उद्योगपति व संस्था के अध्यक्ष कमल मित्तल ने की। मंच पर मुख्यमंत्री के अलावा पर्यटन मंत्री गौतम देव, युवा व खेलकूद विभाग के मंत्री अरुप विश्र्वास,सूचना व जनसंपर्क अधिकारी इंद्रनील सेन, एसजेडीए चेयरमैन सौरव चक्रवर्ती आदि उपस्थित थे। संचालन दिलीप डुग्गर ने किया।