बंगाल पुलिस हिंसा पीड़ितों को शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दे रही : एनएचआरसी टीम
मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों की जांच कर रही टीम के सदस्यों ने जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों की शिकायतें सुनीं। इसके बाद टीम के सदस्य व राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के साथ भी बैठक की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच कर रही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम के एक सदस्य ने गुरुवार को गंभीर आरोप लगाया कि राज्य की पुलिस पीड़ितों को मामले में शिकायत दर्ज नहीं कराने की धमकी दे रही है। इस दावे के बाद हिंसा की जांच ने एक नया मोड़ ले लिया है। गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने एनएचआरसी जांच टीम की सिफारिशों के आधार पर बीते दो जुलाई को राज्य पुलिस को सभी हिंसा पीड़ितों की शिकायतों को दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसके बाद अब एनएचआरसी टीम ने राज्य पुलिस पर ये आरोप लगाया है।
हाई कोर्ट के निर्देश पर मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों की जांच कर रही टीम के सदस्यों ने इस दिन मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों की शिकायतें सुनीं। इसके बाद टीम के सदस्य व राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने मुर्शिदाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने एसपी से शिकायत की कि जनता पुलिस से डरी हुई है। उनकी (पीड़ितों की) गलती यही है कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया है। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा को वोट देने के लिए पुलिस लोगों को क्यों प्रताड़ित कर रही है? रशीद ने दावा किया कि पुलिस पीड़ितों को शिकायत दर्ज न करने की धमकी दे रही है। एसपी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए रशीद ने ये बातें कहीं।
मालदा व मुर्शिदाबाद जिले के दौरे पर है टीम
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने दो जुलाई को एनएचआरसी जांच की अवधि को 13 जुलाई तक बढ़ाने का निर्देश दिया था। इसके बाद एनएचआरसी की टीम मंगलवार से फिर से हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू किया। टीम के सदस्य मालदा और मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों की शिकायत सुन रहे हैं।
गौरतलब है कि भाजपा ने बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं पर हमले, उनकी घर व दुकानें लूटने, घर जलाने, तोड़फोड़ और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार आदि का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर लगाया है। इन्हीं शिकायतों की टीम हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच कर रही है।