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Gangasagar Fair 2021: कोरोना काल में 31 देशों में रह रहे हिंदुओं ने किए गंगासागर मेले के ई-दर्शन

Gangasagar fair 2021 बंगाल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 73 लाख से अधिक लोगों ने गंगासागर मेले के ई-दर्शन किए जबकि 212500 लोगों ने ई-स्नान किया। बंगाल सरकार ने हैम रेडियो के सहयोग से पहली बार ऐसी व्यवस्था की है। आठ देशों में ई-स्नान किट भी भेजी जाएंगी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 01:42 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 01:42 PM (IST)
Gangasagar Fair 2021: कोरोना काल में 31 देशों में रह रहे हिंदुओं ने किए गंगासागर मेले के ई-दर्शन
गंगासागर मेले के 31 देशों में रह रहे हिंदुओं ने ई-दर्शन किए।

कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। कोरोना महामारी के बीच संपन्न हुए गंगासागर मेले के 31 देशों में रह रहे हिंदुओं ने ई-दर्शन किए। इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, इंडोनेशिया, बुल्गारिया, रोमानिया, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, भूटान, युगांडा, बांग्लादेश समेत विभिन्न देशों के हिंदू निवासी शामिल हैं। जल्द ही अमेरिका, इंग्लैंड, रोमानिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश समेत आठ देशों में ई-स्नान किट भी भेजे जाएंगे। कोरोना के मद्देनजर बंगाल सरकार ने हैम रेडियो के सहयोग से  यह अभूतपूर्व व्यवस्था की थी। हैम रेडियो वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब ने अपने सैटेलाइट नेटवर्क के जरिए विभिन्न देशों के हैम रेडियो ऑपरेटरों से संपर्क साधा और उन्हें गंगासागर मेले के बारे में जानकारी देते हुए इसके ई-दर्शन संबंधी सारे वेब लिंक भेजे और उनके यहां रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों व वहां के मूल नागरिकों के बीच इसका प्रचार-प्रसार करने का अनुरोध किया।

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 अपनी टीम के साथ गंगासागर से इस अभियान की अगुआई करने वाले हैम रेडियो वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने बताया-'हमें दुनियाभर से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। बहुत से देशों में रह रहे हिंदुओं को गंगासागर मेले के बारे में पता ही नहीं था। वे यह जानकर आश्चर्यचकित थे कि एक एक छोटे से द्वीप में इतने विशाल धार्मिक मेले का दशकों से आयोजन होता आ रहा है। इसी का नतीजा है कि अब विभिन्न देशों में रह रहे हिंदू ई-स्नान किट की मांग कर रहे हैं। हम कोलकाता व दिल्ली में स्थित आठ देशों के दूतावासों के जरिए उनके यहां ई-स्नान के किट भिजवाएंगे।'

 विश्वास ने कहा-'इस अभियान में इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ हैम, नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ अमेचर रेडियो और इंडियन एकेडमी ऑफ कम्युनिकेशन एंड डिजास्टर मैनेजमेंट ने हमारा सहयोग किया। इसी तरह केंद्रीय संचार मंत्रालय के सहायक वायरलेस सलाहकार ओंकारनाथ यादव ने भी हमारी काफी मदद की। बंगाल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 73 लाख से अधिक लोगों ने गंगासागर मेले के ई-दर्शन किए जबकि 2,12,500 लोगों ने ई-स्नान किया। 

 प्रशस्त होगा गंगासागर मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने का मार्ग 

 विश्वास ने आगे कहा-' इस अभिनव पहल से न सिर्फ हिंदू संस्कृति का दुनियाभर में प्रचार-प्रसार हुआ बल्कि वैश्विक तौर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ, जो  धीरे-धीरे गंगासागर मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने का मार्ग प्रशस्त करेगा। सिर्फ हिंदू समुदाय के लोग ही नहीं, विदेशी नागरिकों ने भी गंगासागर मेले में काफी दिलचस्पी दिखाई है और वे  इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं और अगले साल यहां आने के भी इच्छुक हैं।दुनियाभर से लोगों के गंगासागर आने पर यहां की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।'

 सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण पहल

 विश्वास ने कहा-'सुरक्षा के लिहाज से भी यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है। छोटे द्वीपों पर भूकंप, सुनामी और चक्रवाती तूफान का खतरा अधिक होता है। गंगासागर मेले के दौरान ऐसी किसी प्राकृतिक त्रासदी की स्थिति में हम उन देशों से सैटेलाइट के जरिए संपर्क कर तत्काल मदद मांग सकेंगे।'


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