चार नगर निगमों के चुनाव को लेकर अपना रुख स्पष्ट करे राज्य चुनाव आयोग : हाई कोर्ट
आयोग को इस बाबत अगले सोमवार तक हलफनामा जमा देने का निर्देश मंगलवार को मामले पर होगी अगली सुनवाई। आयोग ने कहा है कि रोड शो और पदयात्रा पर रोक लगा दी गई है। घरजाकर प्रचार के लिए पांच लोगों को अनुमति।राजनीतिक दलों को वर्चुअल चुनाव प्रचार पर जोर ।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल के चार नगर निगमों सिलीगुड़ी, आसनसोल, बिधाननगर और चंदननगर के चुनावों को लेकर राज्य चुनाव आयोग को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। इस बाबत आयोग को अगले सोमवार तक हलफनामा जमा देने का निर्देश दिया गया है। उसके बाद मंगलवार को मामले पर अगली सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि बंगाल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हावड़ा के रहने वाले विमल भट्टाचार्य नामक शख्स ने इन चारों नगर निगमों का चुनाव स्थगित करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि बिधाननगर की ही बात करें तो वहां 23 कंटेनमेंट जोन हैं इसलिए प्रत्याशी मतदाताओं के पास नहीं जा पा रहे हैं, फिर मतदाता कैसे जाकर वोट देंगे।
वहीं राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखोपाध्याय ने कहा-'कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। जिंदगी कभी थमती नहीं। हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि मतदान होने पर पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।' महाधिवक्ता ने आगे यह भी कहा कि राज्य चुनाव आयोग के चाहने पर स्वास्थ्य विभाग उसकी मदद करने के लिए तैयार है। इसके बाद हाईकोर्ट की तरफ से राज्य चुनाव आयोग को इस मामले पर हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है। वैसे राज्य चुनाव आयोग पहले ही कड़े कोरोना नियमों के तहत मतदान कराने की बात कह चुका है।
आयोग ने कहा है कि रोड शो और पदयात्रा पर रोक लगा दी गई है। घर-घर जाकर प्रचार के लिए अधिकतम पांच लोगों को अनुमति दी जाएगी। राजनीतिक दलों को वर्चुअल चुनाव प्रचार पर जोर देने को कहा गया है। छोटी-छोटी सभाएं करने को कहा गया है। प्रत्येक नगर निगम में नोडल स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है और सभी के लिए डबल या सिंगल वैक्सीन (उम्मीदवार, मतगणना एजेंट, मतदान अधिकारी) डोज बाध्यतामूलक कर दिया गया है। राज्य चुनाव आयोग की तरफ से यह भी कहा गया है कि चुनाव स्थगित करने या उसकी तिथि आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिन नगर निगम इलाकों में चुनाव होने वाले हैं, वहां कोरोना का संक्रमण कोलकाता की तुलना में बेहद कम है। उम्मीद की जा रही है कि आयोग यही सब बातें अब अदालत को हलफनामा दाखिल करके बताएगा।