उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता हत्याकांड की जांच में बंगाल सरकार से पूरक हलफनामा दायर करने को कहा
उच्च न्यायालय ने मामले में बंगाल सरकार से कहा कि वह हत्या की सीआइडी जांच से संबंधित घटनाक्रमों पर दो सप्ताह के भीतर पूरक हलफनामा दायर करे। शुक्ला की पिछले साल चार अक्टूबर को उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या की सीआइडी जांच से संबंधित घटनाक्रमों पर दो सप्ताह के भीतर पूरक हलफनामा दायर करे। अदालत ने मृतक के पिता चंद्रमणि शुक्ला को उस जनहित याचिका में सहायक पक्ष बनने की भी अनुमति दे दी जिसमें हत्याकांड की जांच सीबीआइ जैसी किसी केंद्रीय एजेंसी से कराए जाने का आग्रह किया गया है।
उच्च न्यायालय ने मामले में बंगाल सरकार से कहा कि वह हत्या की सीआइडी जांच से संबंधित घटनाक्रमों पर दो सप्ताह के भीतर पूरक हलफनामा दायर करे। शुक्ला की पिछले साल चार अक्टूबर को उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बंगाल सरकार कच्चे जूट की जमाखोरी के खिलाफ अभियान को समर्थन देगी
बंगाल सरकार ने जूट आयुक्त के कार्यालय को कच्चे जूट की जमाखोरी के खिलाफ उसके अभियान को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया है जो जूट मिलों द्वारा बोरी के उत्पादन में बाधा उत्पन्न कर रही है। जूट आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘हम जमाखोरी के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू करने की प्रक्रिया में हैं और राज्य प्रशासन हमारा समर्थन करेगा।’’ राज्य सरकार के एक सूत्र ने कहा कि श्रम आयुक्त ने जूट आयुक्त को अभियान चलाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के बारे में पत्र लिखा है।
सूत्र ने कहा कि बेलर्स, आपूर्तिकर्ताओं और व्यापारियों का एक समूह मिलों को कच्चे जूट की सामान्य आपूर्ति को फिर से शुरू करने में सहयोग नहीं कर रहा है, इसे देखते हुए सरकार ने जूट क्षेत्र के नियामक को स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए जमाखोरों के खिलाफ होने वाले अभियान में उसे मदद करने का फैसला किया है।