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नारद मामले को अन्य राज्य में स्थानांतरित करने के मुद्दे पर 29 जून को होगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित

Narada sting operation case कलकत्ता हाई कोर्ट में नारद स्टिंग आपरेशन कांड की सुनवाई टल गई है। अब इस हाई वोल्टेज मामले की अगली सुनवाई 29 जून को होगी। यह बात कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कही।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:06 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:06 PM (IST)
नारद मामले को अन्य राज्य में स्थानांतरित करने के मुद्दे पर 29 जून को होगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित
कलकत्ता हाई कोर्ट में नारद स्टिंग आपरेशन कांड की सुनवाई टल गई है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट में नारद स्टिंग आपरेशन कांड की सुनवाई टल गई है। अब इस हाई वोल्टेज मामले की अगली सुनवाई 29 जून को होगी। यह बात कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कही। पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व कानून मंत्री मलय घटक की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नारद कांड को लेकर दायर मामले की सुनवाई 25 जून होनी है। इसलिए मामले को स्थानांतरित करने के लिए सीबीआइ के आवेदन पर सुनवाई स्थगित की जा रही है।

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कलकत्ता हाई कोर्ट से सुनवाई स्थगित रखने को कहा था। उसी अनुसार पांच जजों की पीठ ने भी यह निर्देश दिया है। यानी मामले की अगली सुनवाई 29 जून को होगी। सीबीआइ ने 18 मई को नारद मामले में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था।

तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआइ दफ्तर निजाम पैैलेस पहुंच गई थी और कानून मंत्री मलय घटक सीबीआइ की विशेष अदालत में मौजूद थे। मुख्यमंत्री करीब छह घंटे वहां बैठ रही थी और सीबीआइ कार्यालय के बाहर तृणमूल कार्यकर्ताओं व समर्थकों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि उससे निपटने के लिए अतिरिक्त जवानों को तैनात करना पड़ा था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने इस घटना पर गौर नहीं किया। उनका आरोप है कि पार्टी नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में दबाव बना रही थी। आरोप है कि सीबीआइ अधिकारियों को भी धमकाया गया।

उस घटना में केंद्र-राज्य संघर्ष की परिणति हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कानून मंत्री मलय घटक और तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी पर मामले को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है। इसीलिए सीबीआइ ने इस मामले में मुख्यमंत्री और कानून मंत्री का भी पक्षकार बना दिया। लेकिन हाईकोर्ट की बड़ी पीठ ने ममता बनर्जी और मलय घटक के हलफनामों को नहीं स्वीकार किया। इसी के खिलाफ मुख्यमंत्री ने शीर्ष अदालत में एक मामला दायर किया है जिस पर सुनवाई अगले शुक्रवार को होनी है। उससे पहले सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने ममता की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।


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