कलकत्ता उच्च न्यायालय में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई टली, बाद में तय होगी अगली तारीख
सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन इसे टाल दिया गया है। इसकी वजह है कि कोर्ट की जिस पीठ में बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर सुनवाई हो रही है उसी पीठ में नारद मामले की सुनवाई प्रस्तावित थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन इसे टाल दिया गया है। इसकी वजह है कि कोर्ट की जिस पीठ में बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर सुनवाई हो रही है, उसी पीठ में नारद मामले की सुनवाई प्रस्तावित थी। इसीलिए नारद मामले की सुनवाई रोक कर चुनाव बाद हिंसा पर जिरह हुई है। नारद मामले की दोबारा सुनवाई कब होगी अभी नहीं बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने ममता कैबिनेट के तीन वर्तमान और एक पूर्व नेता को गिरफ्तार किया था। इसमें राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी शामिल थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआइ दफ्तर में जाकर धरना पर बैठ गई थीं और दूसरी और राज्य के कानून मंत्री मलय घटक निचली अदालत में पहुंच गए थे। उसके बाद सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने तर्क दिया था कि नारद मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मलय घटक समेत अन्य शीर्ष नेता प्रभाव का इस्तेमाल कर साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
न्यायालय के आदेश पर मलय घटक और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इस मामले में पक्षकार बनाया गया है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी को भी नामजद किया गया है। इस मामले में मलय घटक ने अपना नाम हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह मंगलवार को याचिका लगाई थी जिस पर सुनवाई हुई है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट में सुनवाई होगी इसीलिए मामले की सुनवाई स्थगित की गई है।