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बंगाल में स्वास्थ्य विभाग का फरमान, मरीजों को भर्ती नहीं लेने पर अस्पतालों के लाइसेंस होंगे रद

पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने निजी और राज्य दोनों तरह के अस्पतालों को चेतावनी दी है कि यदि मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं में इलाज के लिए आरती करने से वंचित रखा गया तो कड़ी कार्रवाई

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 05:39 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 05:39 PM (IST)
बंगाल में स्वास्थ्य विभाग का फरमान, मरीजों को भर्ती नहीं लेने पर अस्पतालों के लाइसेंस होंगे रद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने निजी और राज्य दोनों तरह के अस्पतालों को चेतावनी दी है कि यदि मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं में इलाज के लिए आरती करने से वंचित रखा गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को लाइसेंस रद करने के साथ-साथ मरीजों को इलाज के लिए भर्ती करने से वंचित करने पर आवश्यक दंडात्मक कदम उठाने की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को भर्ती लेने से इनकार करना पश्चिम बंगाल नैदानिक ​​प्रतिष्ठान (पंजीकरण, विनियमन और पारदर्शिता) अधिनियम, 2017 और पश्चिम बंगाल नैदानिक ​​स्थापना नियम, 2017 के तहत एक अपराध है। 

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अगर इस तरह के निजी अस्पताल के खिलाफ भर्ती या सेवाओं से इनकार करने की कोई रिपोर्ट मिलती है, तो लाइसेंस रद करने सहित आवश्यक दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे। यदि किसी भी सरकारी अस्पताल के खिलाफ भर्ती या सेवाओं से इनकार करने की कोई रिपोर्ट प्राप्त होती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ करवाई नियमों के अनुसार की जाएगी। कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किए जाने के बाद राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल महामारी रोग, कोविद -19 विनियम, 16 मार्च, 2020 से लागू किया है।


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