राज्यपाल ने दक्षिणेश्वर व बेलूर मठ जाकर की पूजा अर्चना, दो दिन पहले ही खुले हैं दोनों धार्मिक स्थल
कोरोना संकट के बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को अपनी पत्नी के साथ दक्षिणेश्वर काली मंदिर एवं बेलूर मठ जाकर पूजा-अर्चना की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना संकट के बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को अपनी पत्नी के साथ दक्षिणेश्वर काली मंदिर एवं बेलूर मठ जाकर पूजा-अर्चना की। राज्यपाल अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ बुधवार अपराहन 3:25 बजे दक्षिणेश्वर मंदिर गए। यहां पूजा- अर्चना के बाद वे 3:55 बजे बेलूर मठ पहुंचे और वहां पूजा-अर्चना की। राज्यपाल ने अपनी पत्नी के साथ राज्य के कल्याण के लिए प्रार्थना की।
राज्यपाल श्री धनखड़ ने 2000 किलोग्राम चावल और उनकी पत्नी ने 250 एन 95 मास्क दोनों पवित्र स्थलों को भेंट किए। राज्यपाल धनखड़ ने मीडियाकर्मियों को बताया कि दोनों स्थानों पर शारीरिक दूरी के मानदंडों का अनुकरणीय तरीके से अभ्यास किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि अगर हम इस कठिन चुनौती का सामना करना चाहते हैं, तो वे शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन करें। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के चलते लंबे समय से दक्षिणेश्वर व बेलूर मठ सहित अन्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद था। 1 जून से राज्य सरकार ने इसको खोलने की इजाजत दी। हालांकि इसके बावजूद कई मंदिर अभी तक नहीं खुले हैं। वहीं, दक्षिणेश्वर मंदिर व बेलूर मठ दो दिन पहले ही खुला है।
वृहत्तर कोलकाता में कार्यस्थलों, गोदामों, कारखानों और आवासीय परिसरों को स्वच्छ रखने की पहल
कोलकाता : कोविड-19 के बढ़ते प्रसार ने स्वच्छता को पहले से अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। देश में उपभोक्ताओं और कोरोना योद्धाओं के बीच हैंड वॉश, सैनिटाइज़र और अन्य आवश्यक वस्तुओं का महत्व तेजी से बढ़ा है। इसको ध्यान में रखते हुए कोलकाता स्थित ई-कचरा प्रबंधन कंपनी हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग ने कोलकाता में सैनिटाइसेशन सेवाओं का शुभारंभ किया है। हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग कोलकाता नगर निगम के एक अनुमोदित विक्रेता, एडमाईबिन के सहयोग से कोलकाता और 75 किलोमीटर तक के उपनगरों में कार्यस्थलों, गोदामों, कारखानों और आवासीय परिसरों के लिए स्वच्छता सेवाएं प्रदान कर रही है।
पूरी प्रक्रिया के लिए आवश्यक समय और लागत मुख्य रूप से उस क्षेत्र पर निर्भर करती है जिसे कवर करने की आवश्यकता होती है। प्रक्रिया पूरी होने के 1 घंटे के भीतर, लोग बिना किसी समस्या के उस क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। स्वच्छता प्रक्रिया के बाद, संगठन या आवासीय परिसर को हुल्लाडेक से एक प्रमाण पत्र भी दिया किया जाता है। बारे में हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नंदन मल ने कहा, “जैसा कि देश धीरे-धीरे कोरोनावायरस लॉकडाउन से बाहर निकल रहा है और हम अनलॉक 1 में हैं, सामान्य जीवन फिर से शुरू हो गया है लेकिन वायरस का खतरा हर दिन जारी बना हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने कोलकाता में स्वच्छता सेवाओं की शुरुआत की है। स्वच्छता प्रक्रिया एक कठोर सतह क्लीनर और कीटाणुनाशक का उपयोग करता है जिसे एलस्टासन-II- 256 के रूप में जाना जाता है। यह रसायन पूरी तरह से सुरक्षित, गंधहीन है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। कीटाणु खत्म करने के लिए रासायनिक को सभी मानव स्पर्श बिंदुओं में छिड़का जाता है।