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राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, बंगाल सरकार राज्य के विभाजन की अनुमति कभी नहीं देगी

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar ) ने अपने अभिभाषण में कहा राज्य सरकार किसी भी परिस्थिति में बंगाल का विभाजन नहीं होने देगी। दो भाजपा सांसदों ने हाल में राज्य के विभाजन (Bifurcation of the state) की मांग की थी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 12:40 PM (IST)
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, बंगाल सरकार राज्य के विभाजन की अनुमति कभी नहीं देगी
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा राज्य सरकार बंगाल का विभाजन नहीं होने देगी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को विधानसभा के उद्घाटन सत्र को भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसी भी परिस्थिति में बंगाल का विभाजन नहीं होने देगी। हाल में दो भाजपा सांसदों ने राज्य के विभाजन की मांग की थी। इनमें से एक मांग थी कि उत्तर बंगाल को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए जबकि दूसरी मांग थी कि जंगलमहल और उसकेआसपास के इलाके को मिलाकर अलग राज्य बनाया जाए।

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राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान धनखड़ महज कुछ पंक्तियों को ही पढ़ पाए और इस दौरान उन्होंने रेखांकित किया तृणमूल कांग्रेस सरकार बंगाल के लोगों के बीच विभाजन के बीज बोने की कोशिश के प्रति ‘सजग’ है। राज्यपाल के लिए तैयार अभिभाषण में कहा गया कि ममता बनर्जी नीत सरकार राज्य और इसके लोगों का विभाजन किसी भी कीमत पर नहीं होने देगी।परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की उपस्थिति में शुक्रवार दोपहर राज्यपाल ने सदन में भाषण पढ़ना शुरू किया तभी विपक्षी भाजपा के विधायक आसन के सामने आए गए और चुनाव बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर प्रदर्शन करने लगे।

नारेबाजी के बीच राज्यपाल ने कुछ पंक्तियों को पढ़ने के बाद 18 पन्नों के अभिभाषण को सदन के पटल पर रख दिया। इस भाषण को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।  सत्ता पक्ष द्वारा तैयार भाषण में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सभी तरह की हिंसा की निंदा करते हुए कहा, ‘‘चुनाव उपरांत हुई जिस हिंसा की चर्चा हो रही है वे सभी घटनाएं चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई तब राज्य की कानून व्यवस्था कायम करने वाली प्रणाली पर नियंत्रण, निर्देशन और अधीक्षण भारत के निर्वाचन आयोग का था।’’ 

इसमें दावा किया गया कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार द्वारा कमान लेने के बाद ‘‘निष्पक्ष  तरीके से इन घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई।’’ भाषण में कहा गया कि राजनीतिक रूप से पक्षपाती लोगों का समूह अपने निहित हितों के लिए फर्जी खबर, अर्धसत्य और झूठ इंटरनेट मीडिया पर राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए फैला रहे हैं। इसमें कहा गया, ‘‘बंगाल सबसे सुरक्षित राज्य है और कोलकाता देश में सबसे सुरक्षित शहर है।’’

भाषण के मुताबिक राज्य सरकार ने फर्जी वीडियो और पोस्ट का प्रसार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अबतक 93 मामले दर्ज किए गए हैं और 477 पोस्ट हटाए गए हैं। राज्यपाल के उद्घाटन भाषण में यह भी कहा गया कि लंबे समय तक चली चुनावी  प्रक्रिया से कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर आई। पहले चरण में जहां संक्रमण दर 3.32 फीसद थी वह आठवा चरण आते-आते 33 फीसद पर पहुंच गई।


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