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बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- बीएसएफ के मामले में ममता का रूख राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में धनखड़ ने बनर्जी से अपील की कि त्वरित उपयुक्त कदम उठाएं और जनहित एवं राष्ट्रीय हित में मुद्दे का समाधान करें। धनखड़ ने पत्र में लिखा आपके निर्देश से काफी चिंतित हूं जिसमें बीएसएफ को 15 किलोमीटर के दायरे में अनुमति दी गई है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 10 Dec 2021 11:59 AM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 11:59 AM (IST)
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा- बीएसएफ के मामले में ममता का रूख राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के खिलाफ राज्य पुलिस को दिया गया कथित निर्देश राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘‘संभावित खतरा’’ है। ममता बनर्जी ने राज्य पुलिस को कथित तौर पर निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन नहीं कर पाए।

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मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में धनखड़ ने बनर्जी से अपील की कि त्वरित उपयुक्त कदम उठाएं और जनहित एवं राष्ट्रीय हित में मुद्दे का समाधान करें।धनखड़ ने पत्र में लिखा, सात दिसंबर को गंगारामपुर में प्रशासनिक बैठक के दौरान बीएसएफ को लेकर दिए गए आपके निर्देश से काफी चिंतित हूं जिसमें बीएसएफ को 15 किलोमीटर के दायरे में अनुमति दी गई है वह भी राज्य पुलिस की अनुमति से। इस पत्र को उन्होंने ट्विटर पर भी साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा है, यह कानून के अनुरूप नहीं है या हाल में केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक नहीं है जिसमें बीएसएफ को राज्य में अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर की दूरी तक किया गया था। आपके रूख से खराब संकेत गए हैं और संघीय राजनीति एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह संभावित खतरा है। उल्लेखनीय है कि उत्तर दिनाजपुर जिले के रानीगंज में सात नवंबर को प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए थे कि बीएसएफ को उसके अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करने दें और राज्य के कानून-व्यवस्था में उसे संलिप्त नहीं होने दें।

उन्होंने यही आदेश गुरुवार को नदिया जिले में इसी तरह की एक प्रशासनिक बैठक में भी दिया।धनखड़ ने पत्र में कहा, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के साथ लगती सीमाओं वाले राज्यों में बीएसएएफ और केंद्रीय सशस्त्र बल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और अपराधियों पर लगाम कस अवैध गतिविधियों को रोकते हैं। बीएसएफ जहां भारत-बांग्लादेश की सीमा पर तैनात है वहीं सशस्त्र सीमा बल के जवान नेपाल और भूटान के साथ लगती सीमाओं पर तैनात हैं।

केंद्र ने हाल में बढ़ाया है बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र

केंद्र ने हाल में बीएसएफ कानून में संशोधन कर पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते 15 किलोमीटर के दायरे के बजाए 50 किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा बलों को तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दिया था।

बनर्जी ने इस निर्णय की आलोचना की थी और कहा कि यह देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप करने का प्रयास है। उन्होंने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात कर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की थी। बनर्जी ने गुरुवार को नदिया जिले के कृष्णनगर में प्रशासनिक बैठक के दौरान कहा कि मैं प्रभारी निरीक्षकों से कहूंगी कि अपनी निगरानी बढ़ाएं और ‘नाका जांच’ करें। करीमपुर से बांग्लादेश के साथ लगती सीमाएं हैं। आपको उन पर भी नजर रखना होगा...।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको यह भी देखना होगा कि बीएसएफ आपकी अनुमति के बगैर गांवों में नहीं घुस पाए और कुछ नहीं कर पाए। बीएसएफ अपना काम करेगा और आप अपना काम कीजिए। याद रखिए कानून-व्यवस्था आपका विषय है।पिछले कुछ दिनों से बनर्जी ने चार अन्य जिलों में प्रशासनिक समीक्षा बैठकों को संबोधित किया और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि बीएसएफ को उसके अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करने दें और राज्य के कानून-व्यवस्था के मामलों में उसे संलिप्त नहीं होने दें।धनखड़ के जुलाई 2019 में राज्य का राज्यपाल बनने के बाद से बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार से कई मुद्दों को लेकर विरोध रहा है। 


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