वर्चुअल बैठक में शामिल होने से कुलपतियों को रोके जाने को लेकर ममता सरकार पर बरसे राज्यपाल
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कुलपतियों द्वारा वर्चुअल बैठक का बहिष्कार किए जाने पर गुरुवार को ममता सरकार पर निशाना साधा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कुलपतियों द्वारा वर्चुअल बैठक का बहिष्कार किए जाने पर गुरुवार को ममता सरकार पर बरसते हुए कहा कि मैं बंगाल में शिक्षा को राजनीतिक पिंजरे में फंसा देख रहा हूं। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की हालत बहुत ही खराब है और राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से यह छात्रों के हितों को बहुत नुकसान पहुंचाएगा।कुलपति बैठक में नहीं आ रहे हैं। उन्हें धमकाया जा रहा है। राजभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्यपाल ने कहा, 'कोविड-19 संकट के कारण छात्रों की समस्याओं के निराकरण एवं विश्वविद्यालयों के समक्ष आ रही परेशानियों को जानने के लिए मैंने 15 जुलाई को कुलपतियों के साथ एक वर्चुअल बैठक निर्धारित किया था लेकिन राज्य सरकार की ओर से इसमें कुलपतियों को भाग लेने से रोका गया। यह बहुत ही दुर्भाग्यजनक है।'
धनखड़ ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को उनके साथ एक वर्चुअल बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई, जबकि राज्यपाल सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज की आत्मा है क्योंकि यह एक पीढ़ी से दूसरी में गुजरती है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बंगाल में शिक्षा राजनीतिक रूप से बंदी और नियंत्रित है। उन्होंने कहा कि यहां शिक्षा पर राजनीतिक पकड़ दिनोंदिन मजबूत होती जा रही है और यह छात्रों, शिक्षा परिदृश्य और समाज को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाएगा। शिक्षा को राजनीतिक पिंजरे से बाहर निकालने की आवश्यकता है।
इधर, बैठक में कुलपतियों की गैर उपस्थिति पर राज्य शिक्षा विभाग ने राजभवन को पत्र देकर कहा है कि कुलाधिपति द्वारा किसी भी राज्य सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय में किए जाने वाले प्रस्तावित संचार को विभाग के माध्यम से भेजा जाएगा और इस तरह के संचार पर कार्रवाई विभाग द्वारा मंजूरी के बाद की जाएगी। क्योंकि राज्य सरकार के नए कानून के मुताबिक राज्यपाल को सभी संचार उच्च शिक्षा विभाग के जरिए करना चाहिए।