बंगाल सरकार पर फिर भड़के राज्यपाल, कहा- कानून का शासन के लिए करता रहूंगा 'धर्मयुद्ध'
कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए कथित तौर पर शवों को घसीटे जाने का वीडियो हाल में वायरल होने के बाद इस मुद्दे पर राज्यपाल व राज्य सरकार के बीच घमासान जारी है।
राज्य ब्यूरो,कोलकाता : कोलकाता में कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए कथित तौर पर शवों को घसीटे जाने का वीडियो हाल में वायरल होने के बाद इस मुद्दे पर राज्यपाल व राज्य सरकार के बीच घमासान जारी है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ जहां इसको लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं, वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल सांसदों व मंत्रियों की ओर से उन पर हमला जारी है। दोनों ओर से ट्विटर पर बहस बढ़ता ही जा रहा है।
राज्यपाल धनखड़ ने रविवार को एक बार फिर राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने तृणमूल नेताओं पर झूठ बोलने और इस मुद्दे पर बचाव के लिए राजनीतिक मैनेजमेंट का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि राज्य में कानून के शासन के लिए मैं धर्मयुद्ध करता रहूंगा। धनखड़ ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि ममता बनर्जी और उनके प्रशासन की ओर से गवर्नर से निपटने के लिए चाकुओं को धार दी जा रही है। सांसदों और वरिष्ठ नेताओं ने हमारे राज्य को मानव शरीरों को निर्दयी तरीके से घसीटे जाने के बर्बर घटनाक्रम पर माफी मांगने की बजाय एक जैसे ट्वीट करना शुरू कर दिया है। यह कैसी विडंबना है! अपनी छवि को लेकर सतर्क रहनेवाले दिनेश त्रिवेदी जैसे नेता भी 'आइपैक' की राह पर चलने लगे हैं। कैसे जीवन भर की कमाई छवि पलट जाती है।
लोगों का जनादेश निर्वाचित प्रतिनिधियों के जरिये इस तरह के विश्वासघात के गीत में बदल दिया जाता है। मैं किसी के लिए गोपनीयता भंग नहीं करूंगा, जिससे उथल-पुथल हो सकती है। एक अन्य ट्वीट में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित करते हुए लिखा कि राज्य के लोगों की सेवा करने का मेरा संकल्प, मुझे इस तरह की स्ट्रीट स्मार्ट हरकतों से डिगाया नहीं जा सकता है। मैं बंगाल की खोई हुई महिमा को हासिल करने की दिशा में काम करूंगा और राष्ट्र के शिखर पर इसकी जगह बनाने के लिए काम करूंगा। पूरी ऊर्जा के साथ मैं बंगाल में कानून के शासन के लिए धर्मयुद्ध करूंगा। उल्लेखनीय है कि कुछ मरीजों के क्षत-विक्षत शवों को अंतिम संस्कार के लिए कोलकाता नगर निगम के वाहन में अमानवीय तरीके से रखते हुए दिखाये जानेवाला वीडियो हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। हालांकि इसे बाद में राज्य सरकार, संबंधित विभाग एवं तृणमूल के नेताओं ने फर्जी बताया। इस मुद्दे पर राज्यपाल व विपक्षी दल लगातार राज्य सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।