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राज्यपाल धनखड़ ने विधानसभा अध्यक्ष से नगर निगम संशोधन विधेयक से जुड़े प्रस्तार पर ब्यौरा मांगा

बाली नगरपालिका को 2015 में हावड़ा नगर निगम में विलय कर दिया गया था। छह साल बाद राज्य सरकार ने बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कहते हुए राज्य में आगामी निकाय चुनाव से पहले बाली नगरपालिका को एक बार फिर हावड़ा से अलग करने का निर्णय किया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 10:01 AM (IST)
राज्यपाल धनखड़ ने विधानसभा अध्यक्ष से नगर निगम संशोधन विधेयक से जुड़े प्रस्तार पर ब्यौरा मांगा
कोलकाता में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को अब हाल में विधानसभा से पारित हावड़ा नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2021 के संबंध में विधानसभा कार्यवाही का ब्यौरा मांगा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत इस विधेयक के संबंध में मांगी गई जानकारी जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में पिछले सत्र की कार्यवाही के दौरान 17 नवंबर को पेश हावड़ा नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2021 और सदन द्वारा उसे पारित किए जाने की कार्यवाही से संबंधित पूरी जानकारी दें। राज्यपाल ने विधानसभा सचिवालय को लिखे पत्र को ट्विटर पर साझा किया।

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बता दें कि 17 नवंबर को विधानसभा में हावड़ा नगर निगम से बाली नगरपालिका को अलग करने संबंधी विधेयक पारित किया गया था। दरअसल, बाली नगरपालिका को 2015 में हावड़ा नगर निगम में विलय कर दिया गया था। लेकिन करीब छह साल बाद राज्य सरकार ने बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कहते हुए राज्य में आगामी निकाय चुनाव से पहले बाली नगरपालिका को एक बार फिर हावड़ा से अलग करने का निर्णय किया है। बताते चलें कि राज्यपाल ने इससे पहले शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी के खिलाफ 17 नवंबर को विधानसभा में पारित विरोध प्रस्ताव की कार्यवाही का भी ब्यौरा मांगा था।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से उसे जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। इसके अलावा राज्यपाल ने हाल में संपन्न हुए विधानसभा सत्र में सीबीआइ एवं ईडी के दो अधिकारियों के खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव के संबंध में भी विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई का पूरा ब्यौरा मांगा था। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष के आदेश की कथित तौर पर अवमानना को लेकर विधानसभा में दोनों अधिकारियों के खिलाफ 17 नवंबर को विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया था। 


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