राज्यपाल ने केएमसी में प्रशासक की नियुक्ति को लेकर ममता से फिर मांगी जानकारी
कोरोना संकट के बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ व ममता सरकार के बीच जंग जारी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना संकट के बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ व ममता सरकार के बीच जंग जारी है। राज्यपाल ने अब कोलकाता नगर निगम में प्रशासक (बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स) नियुक्त किए जाने को लेकर मांगे गए स्पष्टीकरण का राज्य सरकार की ओर से अबतक जवाब नहीं देने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा।
पत्र में राज्यपाल ने ममता के राजभवन के प्रति ‘‘गैर उत्तरादायी’’ रुख की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें अब भी उस सूचना का इंतजार है जो उन्होंने एक सप्ताह पहले कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के संचालन के लिए प्रशासकों की नियुक्ति को लेकर उन्होंने मांगी थी। धनखड़ ने कहा कि ऐसा रुख ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ और ‘‘संवैधानिक मानदंडों के विपरीत’’ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को संविधान का पालन करने की नसीहत दी। राज्यपाल ने गत सात मई को केएमसी का कार्यकाल खत्म होने से ठीक पहले मौजूदा मेयर फिरहाद हकीम के नेतृत्व में ही बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स की नियुक्ति के बारे में मुख्यमंत्री से जानकारी मांगने के लिए संविधान के अनुच्छेद 167 का इस्तेमाल किया था। संविधान का अनुच्छेद 167 राज्यपाल को सूचना मुहैया कराने को लेकर मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का उल्लेख करता है। उन्होंने ममता को लिखे पत्र में कहा, ‘‘जब अनुच्छेद 167 के संदर्भ में राज्यपाल के प्रति संविधान के तहत आपके 'कर्तव्यों' के निष्पादन की बात आती है तो आपका गैर-प्रतिक्रियाशील रुख दुर्भाग्यपूर्ण है और अनुच्छेद 164 के तहत आपकी शपथ के विपरीत तथा संविधान के सार और भावना के विरुद्ध है और निश्चित तौर पर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’ राज्यपाल ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि अनुच्छेद 167 के तहत मांगी गई जानकारी अभी तक राज्य के मुख्य सचिव ने मुझे उपलब्ध नहीं करवाई।
उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री इस मामले में संविधान का पालन करेंगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के मद्देनजर निकाय चुनाव स्थगित होने को देखते हुए निगम के दिन-प्रतिदिन के मामलों को संचालित करने के लिए छह मई को प्रशासक की नियुक्ति की थी। केएमसी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब केएमसी का संचालन प्रशासकों के पैनल द्वारा किया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस संचालित नगर निकाय का कार्यकाल सात मई को समाप्त हुआ था। ऐसे में सरकार ने बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर का गठन कर दिया। फिरहाद हकीम को ही इस बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है और जो एमआईसी थे उन्हें ही बोर्ड में सदस्य बनाया गया है। इसको लेकर भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद राज्यपाल ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था।