स्वर्णिम विजय वर्ष की कोलकाता में दिखीं स्वर्णिम झलक, एयर शो के अद्भुत करतब ने लोगों को किया मंत्रमुग्ध
प्रधानमंत्री द्वारा विजय दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए रवाना किए गए स्वर्णिम विजय मशाल के कोलकाता आगमन पर इसे यादगार बनाने के लिए पूर्वी सेना कमान की ओर से 8 से 10 मार्च तक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कोलकाता, राजीव कुमार झा। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत सरकार व तीनों सशस्त्र सेनाएं स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रही है। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए रवाना किए गए स्वर्णिम विजय मशाल के कोलकाता आगमन पर इसे यादगार बनाने के लिए पूर्वी सेना कमान की ओर से 8 से 10 मार्च तक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बुधवार को कोलकाता के आरसीटीसी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में तीनों सशस्त्र बलों ने अपने हथियारों, युद्धक उपकरणों व टैकों सहित शानदार मिलिट्री टैटू व बैंड का प्रदर्शन कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इस मौके पर शानदार फ्लाईपास्ट और एयर शो का भी आयोजन किया गया जो मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। एयर शो के दौरान सेना, वायुसेना और नौसेना के लड़ाकू विमानों ने आसमान में अद्भुत करतब कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों की आसमान में गर्जना ने सिटी ऑफ जॉय यानी कोलकाता के लोगों को अपनी ओर ध्यान खींचने पर विवश कर दिया। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ समेत कई विशिष्ट हस्तियां व हजारों लोग इस ऐतिहासिक समारोह का गवाह बने, जब तीनों सेनाओं ने 1971 के युद्ध की ऐतिहासिक सफलता को यादगार बनाने के स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में संयुक्त रूप से अपनी ताकत व क्षमता का प्रदर्शन कर स्वर्णिम झलक प्रस्तुत किया।
वहीं, इस अवसर पर स्वर्णिम विजय मशाल को बुधवार को जनता के अवलोकन के लिए आरसीटीसी ग्राउंड में रखा गया।एयर शो से पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ व पूर्वी सेना कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने स्वर्णिम विजय मशाल को रिसीव किया। इस दौरान आयोजित विजय मशाल के रिले रन का 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले योद्धाओं व उनके परिजनों सहित अन्य गणमान्य लोग भी गवाह बने।उल्लेखनीय है कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना की वीरता के कारण बांग्लादेश के रूप में एक नया देश अस्तित्व में आया था।
कोलकाता के बाद बैरकपुर पहुंची स्वर्णिम विजय मसाल
इधर, कोलकाता के बाद स्वर्ण विजय मशाल गुरुवार को बैरकपुर सैन्य स्टेशन पहुंच गई। यहां स्टेशन कमांडर ने विजय मशाल को रिसीव किया और भव्य स्वागत किया गया। इससे पहले मंगलवार को विजय मसाल के कोलकाता के फोर्ट विलियम स्थित पूर्वी सेना कमान मुख्यालय के विजय स्मारक पर पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया था। बताते चलें की स्वर्णिम विजय वर्ष पर पूर्वी सेना कमान की ओर से इस पूरे साल कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।