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Gangasagar Fair 2021: कोरोना से संक्रमित होने के ज्यादा खतरे के बावजूद वे नहीं भूले हैं अपना दायित्व

Gangasagar Fair 2021 गंगासागर में इस बार भी सक्रिय है होम्योपैथिक चिकित्सकों की सबसे पुरानी और उम्रदराज टीम। टीम के सबसे उम्रदराज सदस्य 71 साल के दीपेंद्रनाथ पिछले साल मई में खुद कोरोना संक्रमित हो गए थे। इसके बावजूद वे बेखौफ यहां तीर्थयात्रियों की सेवा करने आए हैं।

By PRITI JHAEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 01:46 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:22 PM (IST)
Gangasagar Fair 2021: कोरोना से संक्रमित होने के ज्यादा खतरे के बावजूद वे नहीं भूले हैं अपना दायित्व
गंगासागर मेले में लगा वेस्ट बंगाल डीएमएस एसोसिएशन का चिकित्सा शिविर।

गंगासागर, राज्य ब्यूरो। Gangasagar Fair 2021: वे उम्रदराज हैं। कोरोना से संक्रमित होने का उन्हें दूसरों से ज्यादा खतरा है लेकिन वे अपना नैतिक और सामाजिक दायित्व नहीं भूले हैं क्योंकि वे चिकित्सक हैं। कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में भी वेस्ट बंगाल डीएमएस एसोसिएशन के होम्योपैथिक चिकित्सकों की टीम गंगासागर में  सक्रिय है और यहां पहुंच रहे तीर्थयात्रियों के नि:शुल्क इलाज में जी-जान से जुटी हुई है।

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नौ सदस्यीय इस टीम का नेतृत्व डॉ.मृणाल कांति पात्र कर रहे हैं। टीम में चार चिकित्सक, एक नर्स, एक कंपाउंडर व तीन अन्य मेडिकल स्टाफ शामिल हैं। गंगासागर मेले में पिछले 16 साल से सेवाएं प्रदान करते आ रहे 62 साल के डॉ. पात्र ने कहा-' यहां आकर तीर्थयात्रियों का इलाज करके जो संतुष्टि मिलती है, उसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। यहां आकर मुझे सही मायने में अपने चिकित्सक होने की अनुभूति होती है।' डॉ. पात्र ने आगे कहा-'चूंकि हम भी उम्रदराज हैं इसलिए अपनी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रख रहे हैं। हाथों में दस्ताने पहनकर और चेहरे पर फेसशील्ड लगाकर मरीजों को देख रहे हैं।'

पिछले 26 वर्षों से लगातार गंगासागर आ रहीं टीम की वरिष्ठ सदस्या 60 साल की डॉ. रेखा मुखर्जी ने बताया-'मुझे मेरे घरवालों ने इस बार गंगासागर जाने से मना किया था लेकिन मैंने उन्हें साफ तौर पर कह दिया था कि मैं पहले एक डॉक्टर हूं और अपने दायित्व से मुंह नहीं फिर सकती। कोरोना से संक्रमित हो जाने के डर से अगर हम यहां आकर इलाज करना बंद कर देंगे तो तीर्थयात्रियों का क्या होगा?'

गौर करने वाली बात यह है कि टीम के सबसे उम्रदराज सदस्य 71 साल के दीपेंद्रनाथ विश्वास पिछले साल मई में खुद कोरोना संक्रमित हो गए थे और 12 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे। इसके बावजूद वे बेखौफ यहां तीर्थयात्रियों की सेवा करने आए हैं। टीम के अन्य सदस्यों में 62 साल की शंकरी पात्र,  डॉक्टर पुर्णेंदु दुआरी, मानस कुमार जाना, आलोक कुमार उपाध्याय कार्तिक चंद्र दास व भारती सरकार शामिल हैं। डीएमएस एसोसिएशन गंगासागर में होम्योपैथिक चिकित्सा प्रदान करने वाला सबसे पुराना संगठन है। इसकी स्थापना 1966 में हुई थी।


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