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West Bengal: सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले का झांसा देकर 60 लाख की धोखाधड़ी, तीन गिरफ्तार

सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला का झांसा देकल 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग की अपराध दमन शाखा की टीम ने इस मामले में मुख्य आरोपित अर्पिता घोष समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

By PRITI JHAEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 02:58 PM (IST)
West Bengal: सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले का झांसा देकर 60 लाख की धोखाधड़ी, तीन गिरफ्तार
सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला का झांसा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। महानगर के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला का झांसा देकल 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग की अपराध दमन शाखा की टीम ने इस मामले में मुख्य आरोपित अर्पिता घोष समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अन्य दो लोगों में अर्पिता का पति स्टीफन बर्नार्ड और उसकी साथी बेबी सिमरन उर्फ ​​सुकन्या शामिल हैं। कुछ दिन पहले अर्पिता को एक प्रसिद्ध मठ के भिक्षुओं सेठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले का सूत्रपात 2018 में हुआ। तपसिया इलाके के एक छात्र ने मेडिकल में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय परीक्षा दी थी। मेधा तालिका में उसका नाम एक लाख से ऊपर था। छात्र राज्य के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती होना चाहता था। उसके पिता ने एक परिचित को इस बारे में बताया। उसके माध्यम से उनका तिलजला की रहने वाली अर्पिता से परिचय हुआ। अर्पिता ने कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रोफेसर के रूप में अपना परिचय दिया।

उसने कहा कि कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति से उसका खास परिचय है। वह अगर चाहे तो उनके बेटे का स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में दाखिला करवा सकती है। इसके साथ ही वह छात्रवृत्ति की भी व्यवस्था कर देगी, जिससे ट्यूशन की लागत बहुत कम हो जाएगी।इसमें प्रवेश के लिए 60 लाख रुपये का खर्च आएगा। छात्र के पिता अर्पिता के प्रस्ताव पर राजी हो गए। उनकी बिहार में जमीन थी, जिसे उन्होंने बेच दी। पत्नी के गहने भी बेच दिए। इस तरह उन्होंने 60 लाख रुपये जमा किए और अर्पिता को सौंप दिया।

अर्पिता ने उन्हें वेस्ट बेंगल हेल्थ यूनीवर्सिटी के फर्जी दस्तावेज दिए। यह भी बताया है कि कक्षा कब से शुरू होगी लेकिन कक्षा शुरू होने से एक दिन पहले एक अज्ञात व्यक्ति ने कथित तौर पर विश्वविद्यालय से फोन किया और कहा कि विशेष कारणों से कक्षा में देरी होगी। इस प्रकार अर्पिता समय लेने लगी। काम न होता देख छात्र के पिता ने रुपये लौटाने को कहा। इसपर अर्पिता और उनके पति ने एक अनुबंध किया।

अर्पिता ने एक चेक दिया लेकिन वह बाउंस हो गया। उसके बाद से अर्पिता, उसका पति और एक महिला साथी गायब हो गए। हाल में छात्र के पिता को पता चला कि आरोपितों को साइबर पुलिस ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया है। वे सीधे लालबाजार पुलिस मुख्यालय गए और शिकायत दर्ज कराई। इस संबंध में पहले बहूबाजार थाने में मामला दर्ज किया गया था। लालबाजार के खुफिया विभाग की अपराध दमन शाखा के अधिकारियों ने जांच शुरू की है। उन्होंने गत शनिवार को अदालत में पेश तीनों को अपनी हिरासत में ले लिया। तीनों से पूछताछ की जा रही है। 


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