Fraud in scheme : बंगाल सरकार की राज्य में रूपश्री योजना का लाभ लेने के लिए धड़ल्ले से हो रहा फर्जीवाड़ा
धोखाधड़ी - योजना का लाभ के लिए तीन-तीन बच्चों की मां तक ने शादी का फर्जी कार्ड छपवाकर किया आवेदन। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों की शादी के लिए सरकार देती है 25000 रुपये। फर्जी आवेदनों से विभिन्न ब्लॉकों में संबंधित अधिकारियों के भी पसीने छूट रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों की शादी के लिए एकमुश्त सहायता राशि प्रदान करने को शुरू की गई रूपश्री योजना का लाभ उठाने के लिए यहां धड़ल्ले से फर्जीवाड़ा हो रहा है। हाल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब कुछ परिवारों ने नकली विवाह का कार्ड तक छपवा कर इस योजना का पैसा उठाने की कोशिश की है। यहां तक कि तीन- तीन बच्चों की मां ने भी नया शादी कार्ड छपवा कर इस योजना के तहत मिलने वाली 25,000 रुपये की राशि के लिए आवेदन किया है।
गौरतलब है कि इस योजना के आवेदन पत्र के साथ शादी का कार्ड भी जमा करवाना होता है। इधर, विभिन्न ब्लॉकों में अधिकारी अब फर्जी आवेदन नहीं करने के लिए लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
छुट्टियों के दिन भी एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़ना पड़ रहा
इसके अलावा कहीं पर नकली पति दिखाकर तो कहीं विवाह के 3 महीने बाद भी रूपश्री योजना का लाभ के लिए आवेदन किया गया है। इधर, इस प्रकार के फर्जी आवेदनों से विभिन्न ब्लॉकों में संबंधित अधिकारियों के भी पसीने छूट रहे हैं। आलम यह है कि आवेदन को सत्यापित करने के लिए अधिकारियों को छुट्टियों के दिन भी एक छोर से दूसरे छोर तक दौड़ना पड़ रहा है।
ब्लॉक अधिकारियों की चेतावनी, पुलिस स्टेशन का रुख करेंगे
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस योजना का गलत लाभ के लिए सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन उत्तर 24 परगना जिले में सामने आए हैं। लगातार आ रहे फर्जी आवेदनों को देखते हुए अब जिला प्रशासन भी इस पर कड़ी निगाह रख रहा है। कई ब्लॉक अधिकारियों ने तो अब यहां तक की चेतावनी दी है कि अगर इस तरह के फर्जी आवेदन आगे जमा किए गए तो वे पुलिस स्टेशन का रुख करेंगे।
ममता सरकार ने 1 अप्रैल 2018 से रूपश्री योजना शुरू की थी
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सालाना डेढ़ लाख से कम आय वाले परिवार की लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान को 1 अप्रैल 2018 से महत्वाकांक्षी रूपश्री योजना शुरू की थी। इसके तहत राज्य सरकार शादी के लिए एकमुश्त 25,000 रुपये की आर्थिक मदद देती है। योजना शुरू होने के बाद पिछले करीब ढाई वर्षो में बड़ी संख्या में जिम्मेदार माता- पिता इससे लाभान्वित हुए हैं।
लॉकडाउन और कोरोना के कारण जाली आवेदनों की संख्या बढ़ी
हालांकि अधिकारियों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि कोई भी फर्जी शादी दिखाकर पैसे के लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन, माना जा रहा है कि लंबे समय तक लॉकडाउन और कोरोना की स्थिति के कारण आर्थिक लाभ उठाने के लिए इस योजना के तहत जाली आवेदन बढ़ रहे हैं। खासकर उत्तर 24 परगना जिले के विभिन्न ब्लॉकों में इस तरह के नकली विवाहों की संख्या बढ़ रही है।