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बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी पर नौकरी का झांसा देकर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप, परिवार के साथ फरार

एसएससी शिक्षक नियुक्ति घोटाले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी पार्टी नेता अतनु गुच्छाइत पर शिक्षक की नौकरी का झांसा देकर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप लगा है। थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही वह अपने परिवार के साथ फरार हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 07:02 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 07:16 PM (IST)
बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी पर नौकरी का झांसा देकर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप, परिवार के साथ फरार
पार्थ चटर्जी से अतनु का सीधा संपर्क था, उन्हें कहकर ही नौकरी पर लगवाता था। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। एसएससी शिक्षक नियुक्ति घोटाले में बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम आने के बाद अब उनके करीबी पार्टी नेता अतनु गुच्छाइत पर शिक्षक की नौकरी का झांसा देकर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप लगा है। थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही वह अपने परिवार के साथ फरार हैं। अतनु गुच्छाइत पश्चिम मेदिनीपुर जिले के कोलाघाट इलाके के कोला ग्राम का रहने वाला है। जिले के पुलिस अधीक्षक अमरनाथ के ने बताया कि अतनु के खिलाफ आर्थिक धोखाधड़ी के प्रत्येक मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। अतनु के अलावा उसकी पत्नी मानसी और भाई शांतनु पर भी नौकरी का झांसा देकर युवक-युवतियों से रुपये ठगने का आरोप है।

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अतनु एक समय कोलाघाट पंचायत समिति का प्रधान था। अतनु और उसकी पत्नी मानसी के पार्थ चटर्जी से अच्छे संबंध हैं। मानसी सरकारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका है। अतनु ने आठ साल पहले रुपये लेकर कोलाघाट के कई युवक-युवतियों को एसएससी के ग्रुप सी व डी श्रेणी के पदों पर नियुक्ति कराई थी। इस रुपये का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा विभाग के प्रभावशाली लोगों तक पहुंचता था। सूत्रों ने आगे बताया कि नौकरी पाने के लिए जो लोग एकमुश्त रुपये नहीं दे पाते थे, उनके लिए अतनु ने वैकल्पिक व्यवस्था कर रखी थी। अतनु उन लोगों के सोने के गहने अपने एक परिचित के आभूषणों की दुकान में गिरवी रखवाता था।

पता चला है कि 2019 के बाद से वह सरकारी नौकरी नहीं दिला पा रहा था और पिछले साल ब्रात्य बसु के नए शिक्षा मंत्री बनने के बाद शिक्षा विभाग में उसका प्रभाव काफी कम हो गया था। नौकरी के लिए रुपये देने वालों ने उसके खिलाफ कोलाघाट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसके बाद से ही अतनु अपने परिवार के लोगों के साथ फरार है। स्थानीय सूत्रों ने दावा किया कि पार्थ चटर्जी से अतनु का सीधा संपर्क था और वह उन्हें कहकर ही नौकरी पर लगवाता था। दूसरी तरफ तृणमूल ने अतनु के पार्टी नेता होने से इन्कार किया है। पार्टी के कोलाघाट ब्लाक अध्यक्ष असित बंद्योपाध्याय ने कहा कि अतनु का पार्टी के साथ लंबे समय से कोई संपर्क नहीं है।


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