Move to Jagran APP

अगरबत्ती बनाने के तरीकों को सिखने आए विदेशी छात्र

विश्व में बारुईपुर के अगरबत्ती को मिली ख्याति को सुनकर ही सिंगापुर के छात्र यहां अगरबत्ती बनाने के तरीकों को जानने पहुंचे थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 02:49 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 02:49 PM (IST)
अगरबत्ती बनाने के तरीकों को सिखने आए विदेशी छात्र
अगरबत्ती बनाने के तरीकों को सिखने आए विदेशी छात्र

कोलकाता, जागरण संवाददाता। अगरबत्ती बनाने के तरीकों को सिखने के लिए सिंगापुर के चार सदस्यों का एक

loksabha election banner

दल गुरुवार को बारुईपुर पहुंचा। सिंगापुर ईएसएसइसी बिजनेस स्कूल की चार सदस्यीय टीम विश्व भर में लोकप्रिय अगरबत्ती के तरीकों को सिखने पहुंची थी।

वे बारुईपुर के बीडीओ अनिर्वाण दत्ता से मिले और तरीकों को सिखने की इच्छा जाहिर की। बीडीओ साहब छात्रों

को लेकर बारुईपुर के शांखारीपुकुर इलाके में पहुंचे जहां अगरबत्ती बनाने का एक कारखाना मौजूद था। छात्र कारखाने का मुआयना किए। अगरबत्ती बनाने के तरीकों को सुनने के साथ ही अपने मोबाइल फोन में भी कैद किए। इसके अलावा जिले के लघु और मझोले उद्योग विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर उनसे विस्तृत जाना। उनका कहना था कि वे शोध कर प्रदूषणमुक्त अगरबत्ती बनाने के तरीकों का इजाद करेंगे।

मालूम हो कि किसी समय में दक्षिण 24 परगना जिले का बारुईपुर अगरबत्ती बनाने के मामले में इटली, अमेरिका, इजिप्ट और ब्राजील आदि को टक्कर देता था। तब बारुईपुर के 40 से 50 हजार लोग अगरबत्ती बनाने

के रोजगार से जुड़े थे। यही कारण है कि बारुईपुर, फूलतला, शांखारीपुकुर, कुलाड़ी, सशारी, जयातल्ला, धपधपी और उत्तरभाग इलाकों में अगरबत्ती बनाने के करीब 400 यूनिट मौजूद हैं।

विश्व में बारुईपुर के अगरबत्ती को मिली ख्याति को सुनकर ही सिंगापुर के छात्र यहां अगरबत्ती बनाने के तरीकों को जानने पहुंचे थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.