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West Bengal : मछुआरे की खुल गई किस्मत, 16 लाख में बेची 800 किलो की एक मछली

दिघा इलाके से सटे बंगाल की खाड़ी में एक फ्लाइंग शिप की तरह दिखने वाली एक मछली स्थानीय मछुआरे के जाल में फंस गई जिस उसने बेचकर एक ही झटके में लाखों रुपये कमा लिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 07:44 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 12:14 PM (IST)
West Bengal : मछुआरे की खुल गई किस्मत, 16 लाख में बेची 800 किलो की एक मछली
West Bengal : मछुआरे की खुल गई किस्मत, 16 लाख में बेची 800 किलो की एक मछली

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के दिघा इलाके से सटे बंगाल की खाड़ी में एक फ्लाइंग शिप की तरह दिखने वाली एक मछली स्थानीय मछुआरे के जाल में फंस गई, जिस उसने बेचकर एक ही झटके में लाखों रुपये कमा लिया। यह मछली करीब 800 किलोग्राम की थी, जिसे उसने 2100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची है। इस विशाल मछली को ट्रॉलर की मदद से जाल के किनारे लाया गया। इस मछली का नाम मछुआरों ने चिलशंकर फिश बताया है। ऐसी मछली जापान और अन्य देशों में सप्लाई की जाती है और जहां इसकी दवाओं को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इस विशाल मछली को पकड़कर मछुआरे बहुत खुश है।

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बताया जाता है कि यह मछली काफी दुर्लभ है और इस इलाके में कभी नहीं देखी गई। जब यह मछली पकड़ी गई तब स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई थी। मछली काफी भारी थी इसलिए उठाने के लिए कई लोगों की मदद लेनी पड़ी। इस भारी-भरकम मछली को रस्सी से बांधकर मोहाना फिशर एसोसिएशन की मदद से वैन से बाजार लाया गया। जहां उसे 2100 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव मिला।

बताया जा रहा है कि 16 लाख से अधिक में बिकी है। यह मछली करीब 800 किलोग्राम की थी, जिसे उसने 2100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची है। कोरोना काल में मछुआरे के लिए ये रकम किसी लॉटरी निकलने की तरह है। बताते चलें कि इस मछली को तेल और दवाएं बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी मछली जापान और अन्य देशों में सप्लाई की जाती है और जहां इसकी दवाओं को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इस विशाल मछली को पकड़कर मछुआरे बहुत खुश है।


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