West Bengal: जेआइएस विश्वविद्यालय का पहला दीक्षा समारोह संपन्न, 1000 विद्यार्थियों को मिला मेरिट मेडल्स
राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि मैं पूर्वी भारत के सबसे बड़े व विश्वसनीय बहु विषयक और एकात्मक विश्वविद्यालय का हिस्सा होने के लिए भी बधाई देता हूं। जेआइएस विश्वविद्यालय का पहला दीक्षा समारोह आयोजित किया गया। इसमें लगभग 1000 विद्यार्थियों को मेरिट मेडल्स प्रदान किए गए।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। जेआइएस विश्वविद्यालय का पहला दीक्षा समारोह आयोजित किया गया। इसमें लगभग 1000 विद्यार्थियों को मेरिट मेडल्स प्रदान किए गए। कोलकाता से सटे आगरपाड़ा कैंपस में आयोजित दीक्षा समारोह में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ व राज्य की प्रथम महिला सुदेश धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस मौके पर नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन के चेयरमैन प्रोफेसर केके अग्रवाल, एमजी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर साबू थॉमस विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस मौके पर राज्यपाल ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे भविष्य की उम्मीद हैं।
विद्यार्थियों से उन्होने कहा कि वे अपने लक्ष्य पर फोकस करें और प्रोफेशनल जीवन में आगे बढ़ें। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि वे (विद्यार्थी) ईमानदारी से अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेंगे। इस मौके पर जेआइएस विश्वविद्यालय के चांसलर सरदार तरनजीत सिंह व वाइस चांसलर प्रोफेसर इंद्रनील सेनगुप्ता ने भी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। दीक्षा समारोह के मौके पर विश्वविद्यालय की ओर से असाधारण प्रदर्शन के लिए 1000 से अधिक विद्यार्थियों को मेरिट मेडल्स (योग्यता पदक) और फाइनल डिग्री प्रदान किया गया। इनमें कुछ विद्यार्थियों को राज्यपाल खुद अपने हाथों से उनके बेस्ट परफॉरमेंस व उच्चतम अंकों के लिए गोल्ड मेडल प्रदान किए।
राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि मैं पूर्वी भारत के सबसे बड़े व विश्वसनीय बहु विषयक और एकात्मक विश्वविद्यालय का हिस्सा होने के लिए भी बधाई देता हूं। मुझे यह सुनकर भी प्रसन्नता हुई है कि जेआइएस विश्वविद्यालय ने विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों व संगठनों के साथ विभिन्न चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं ट्रेड इकाईयों के साथ टाई अप करके रखा है, इससे छात्रों को काफी लाभ होगा।
वहीं, विश्वविद्यालय के चांसलर सरदार तरनजीत सिंह ने कहा- 'इस महत्वपूर्ण अवसर पर मैं सभी स्नातक छात्रों, उनके माता-पिता, संस्थान के संकाय सदस्यों और प्रशासनिक कर्मचारियों को बधाई देना चाहता हूं। मैं यह उल्लेख करना चाहता हूं कि वर्ष 2020 सभी के लिए एक कठिन वर्ष रहा है। महामारी के कठिन समय के दौरान संकाय सदस्यों, छात्रों और प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा दिखाई गई ताकत और लचीलापन सराहनीय था।'