कोलकाता में खुला 'जेनेरिक आधार' का पहला मेडिकल स्टोर, पीएम मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के सपने साकार करने की पहल
कंपनी ने प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल को दमदार तरीके से लागू करने के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों व मध्यम वर्ग का ख्याल रखते हुए दवा दुकानों की श्रृंखला पेश की है। कोरोना महामारी से पूरे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी से पूरे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। वरिष्ठ नागरिकों व मध्यम वर्ग के लिए स्वास्थ्य सेवा सबसे बडी चुनौती बन गई है। महंगी दवाओं की वजह से लोगों को परेशानी उठानी पड रही है। ऐसे में युवा उद्यमी अर्जुन देशपांडे ने 'जेनरिक आधार' मेडिकल स्टोर की परिकल्पना को साकार करने की पहल की है। यह देश का पहला ऐसा स्टोर है, जहां सरकारी दर से भी कम कीमत पर अक्सर जरुरत पड़ने वाली दवाओं की आपूर्ति की जाएगी।
देशपांडे ने बेहला के आरकेडिया में पहला स्टोर खोला है। उनकी कंपनी पूरे कोलकाता में ऐसे 500 स्टोर खोलने की परियोजना पर काम कर रही है। कंपनी ने कोलकाता के साथ बर्दवान, बांकुड़ा, आसनसोल, दुर्गापुर व हावड़ा में भी अपना स्टोर खोलने की योजना पर काम करना आरंभ कर दिया है। इस समय कंपनी देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों में अपनी पहुंच बना चुकी है। पूर्वी भारत का गेटवे कहा जाने वाले कोलकाता के साथ सुदूर उत्तर-पूर्व के असम, मेघालय, मणिपुर व मिजोरम जैसे राज्यों में भी कंपनी ने अपना फैलाव किया है।
अर्जुन देशपांडे ने बताया कि जिस तरह से राज्य सरकार के अस्पतालों में जेनरिक दवा की दूकान होती है, ठीक उसी तर्ज पर जेनेरिक आधार भी कार्य कर रही है। लोगों में यह धारणा है कि जेनेरिक दवाएं असरदार नहीं होतीं. जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। कंपनी ने प्रधानमंत्री के 'वोकल फॉर लोकल' को दमदार तरीके से लागू करने के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों व मध्यम वर्ग का ख्याल रखते हुए दवा दुकानों की श्रृंखला पेश की है। उन्होंने इसके लिए लोगों को जागरुक करने का भी कार्य जारी रखा है।