शिवभक्त बने फिरहाद हकीम, कंधे पर उठाया कांवड़
पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने हिंदुओं के पावन महीने सावन में कंधे पर कांवर उठाकर सांप्रदायिक सद्भाव की अच्छी मिसाल पेश की है।
कोलकाता, [जागरण संवाददाता] । उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट में सांप्रदायिक हिंसा की घटना को अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं। बिहार में मंत्री एवं जदयू नेता खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के 'जय श्री राम' कहने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा उनके खिलाफ फतवा जारी करने के बाद उनके माफी मांग लेने की घटना भी पिछले हफ्ते की ही है।
इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने हिंदुओं के पावन महीने सावन में कंधे पर कांवर उठाकर सांप्रदायिक सद्भाव की अच्छी मिसाल पेश की है। सोमवार को चेतला पार्क से 100 श्रद्धालु आदिगंगा से कलश में पानी लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने खिदिरपुर स्थित भूकैलाश मंदिर पहुंचे थे। इस मौके पर फिरहाद हकीम भी मौजूद थे।
दरअसल इस कांवर यात्रा का आयोजन उनके क्लब चेतला अग्रणी की ओर से किया गया था, जिसके वे अध्यक्ष हैं। फिरहाद ने कांवरियों के साथ अपने कंधे पर कांवर उठाया और कुछ दूर तक उनके साथ भी चले। गौरतलब है कि फिरहाद तारकेश्वर विकास बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल में हुगली जिले में प्रशासनिक बैठक के दौरान फिरहाद को यह दायित्व सौंपा था। इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था। भाजपा पुरजोर विरोध करते हुए सड़क पर उतर पड़ी थी। बाद में राज्य सरकार को सफाई देते हुए कहना पड़ गया था कि तारकेश्वर विकास बोर्ड उक्त इलाके के विकास के लिए काम करेगा।
तारकेश्वर मंदिर के क्रियाकलाप से इसका कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि तारकेश्वर मंदिर में हर साल सावन के मौके पर बाबा तारकनाथ को जल चढ़ाने के लिए लाखों की संख्या में कांवरियों की भीड़ जुटती है।
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