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West Bengal: दमदम सेंट्रल जेल में फिर आगजनी, महिला वार्ड में घुसे पुरुष कैदी

Dum Dum Central Jail . हिंसा पर उतारू कैदियों ने जेल के अंदर आगजनी की। पुरुष कैदियों के महिला सेल के अंदर घुसने की भी खबर है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 23 Mar 2020 07:21 AM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 07:21 AM (IST)
West Bengal: दमदम सेंट्रल जेल में फिर आगजनी, महिला वार्ड में घुसे पुरुष कैदी
West Bengal: दमदम सेंट्रल जेल में फिर आगजनी, महिला वार्ड में घुसे पुरुष कैदी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Dum Dum Central Jail .कोरोना वायरस के चलते बंगाल सरकार द्वारा कैदियों के उनके परिजनों से मुलाकात पर पाबंदी लगाने के बाद कोलकाता के दमदम सेंट्रल जेल में शनिवार को भड़की हिंसा अब तक शांत नहीं हुई है। हिंसा पर उतारू कैदियों ने रविवार को भी जेल के अंदर आगजनी की। पुरुष कैदियों के महिला सेल के अंदर घुसने की भी खबर है। इसमें बाधा देने पर कैदियों ने महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ जमकर मारपीट व उनसे उनका विभिन्न सामान छीनने की भी कोशिश की।

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कैदियों के उग्र रूप को देखते हुए जेल के अंदर तैनात महिला सुरक्षाकर्मी पूरी तरह असहाय दिखीं। कैदियों द्वारा फायरिंग किए जाने की भी खबर है। बाद में सूचना पाकर रैफ ने मौके पर पहुंचकर महिला सुरक्षाकर्मियों को बचाया एवं कैदियों को काबू में करने की कोशिश की। घटना में एक कैदी के घायल होने की खबर है, जिसे आरजी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर, कई महिला सुरक्षाकर्मियों ने रोते-बिलखते हुए दावा किया कि ऐसी घटना उन्होंने इससे पहले कभी नहीं देखी थी। शनिवार को हिंसा के बाद एकबार फिर कैदियों के जेल के अंदर इस तरह के दुस्साहस पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। घटना के बाद एक बार फिर शीर्ष पुलिस व जेल अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले शनिवार को कैदियों ने जमकर तांडव मचाया था। इस दौरान कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच जमकर झड़प हुई थी।

हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग में दो कैदी की जान भी चली गई थीं और जेलर सहित एक दर्जन लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे। कैदियों ने सुरक्षाकर्मियों पर जमकर पथराव किया और जेल की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया। कैदियों ने सुरक्षाकर्मियों पर ईट, पत्थर, कुल्हाड़ी, धारदार हथियारों और बमों से हमला किया। ऐसे में सुरक्षाकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए कैदियों पर फायरिंग करनी पड़ी। कई कैदियों ने जेल की 20 फीट ऊंची दीवार को फांदने की भी कोशिश की। हिंसा का यह तांडव करीब आठ घंटे तक जेल में चलता रहा। इधर, अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी तरह जेल ब्रेक की साजिश थी और इसे कोरोना के नाम पर अंजाम देने की कोशिश की गई। रैफ के जवान व पुलिसकर्मियों ने लंबी मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रित किया।

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