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फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन बोलीं-90 वर्ष की उम्र में नृत्य पर आधारित फिल्म करना चाहती थीं अमला शंकर

दिवंगत नृत्यांगना अमला शंकर की नृत्य- साधना का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे 90 वर्ष की उम्र में भी नृत्य पर आधारित फिल्म में काम करना चाहती थी़।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 07:29 PM (IST)
फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन बोलीं-90 वर्ष की उम्र में नृत्य पर आधारित फिल्म करना चाहती थीं अमला शंकर
फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन बोलीं-90 वर्ष की उम्र में नृत्य पर आधारित फिल्म करना चाहती थीं अमला शंकर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दिवंगत नृत्यांगना अमला शंकर की नृत्य- साधना का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे 90 वर्ष की उम्र में भी नृत्य पर आधारित फिल्म में काम करना चाहती थी़। उनके परिवार के करीब रहीं वरिष्ठ फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन ने इस बात को साझा किया। उन्होंने कहा-'अमला मौसी मुझे बहुत प्यार करती थीं। 90 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुझे एक फिल्म बनाने को कहा था, जिसमें वे अंतिम बार नाचना चाहती थीं। उनका जीवन अनुकरणीय है।सबको उससे शिक्षा लेनी चाहिए। आजकल लोग कम उम्र में थक-हार जाते हैं जबकि वे 90 वर्ष की उम्र में फिल्म में नृत्य करना चाहती थीं। यह अकल्पनीय है।'

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 गौरतलब है कि अमला शंकर ने 1948 में  'कल्पना' नामक नृत्य पर आधारित फिल्म में काम किया थ। इस फिल्म का निर्माण व निर्देशन उनके पति उदय शंकर ने किया था। उन्होंने इसमें अभिनय भी किया था। फिल्म नर्तक-नर्तकियों के सपनों  व नृत्य अकादमी पर आधारित थी।फिल्म में अमला शंकर ने उमा नामक नर्तकी की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म की 20।2 में कान फिल्म महोत्सव में स्क्रीनिंग हुई थी।

गौरतलब है कि अमला शंकर ने उस दौर में नृत्य का प्रशिक्षण लिया था, जब महिलाओं के  नृत्य करने को समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता था। उनके  पिता ने पूरा समर्थन करते हुए अमला की  रूचि को आगे बढ़ाया। बाद में अमला ने अपने अद्भुत नृत्य से पूरी दुनिया को मुग्ध कर दिया था। अमला व उनके पति उदय शंकर की नृत्य जोड़ी ने विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त की थी। पूरी दुनिया में उनके शो हुआ करते थे।

1977 में उदय शंकर के निधन से यह जोड़ी टूट गई लेकिन अमला शंकर ने नृत्य जारी रखा और अपनी बेटी ममता शंकर और पुत्रवधू तनुश्री शंकर को विरासत के तौर पर सौंपा। कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से 2011 में उन्हें बंग विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अमला शंकर को नृत्त्य के साथ-साथ चित्रकारी में भी महारत हासिल थी।


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